सहारनपुर। मंडी समिति रोड, कृष्णा नगर स्थित सिद्धपीठ स्वामी तुरियानन्द सत्संग सेवा आश्रम में आद्य सद्गुरु श्रीश्री 1008 स्वामी तुरियानन्द जी महाराज का 150वां अवतरण दिवस महोत्सव 7 से 9 अगस्त तक बड़े हर्षोल्लास और भव्यता के साथ मनाया गया। गद्दीनशीन श्रीश्री 1008 स्वामी विवेकानन्द गिरि जी महाराज के संरक्षण में आयोजित इस महोत्सव में देशभर से संगतें पहुँचीं।

प्रातःकाल पं. दीपक अग्निहोत्री द्वारा हवन यज्ञ के साथ धार्मिक कार्यक्रम आरंभ हुए। अल्पाहार, ब्रह्मभोज और लंगर के पश्चात श्री महाराज जी ने प्रवचन में कर्म सिद्धांत की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा – “कर्म ही जीवन का मूल है, जैसा बोओगे, वैसा ही पाओगे। फल से बचने का कोई उपाय नहीं, हर कर्म का फल भोगना ही पड़ता है।” उन्होंने श्रीरामचरितमानस, गीता और पुरातन ग्रंथों के उदाहरण देते हुए बताया कि स्वयं भगवान भी पृथ्वी पर अवतार लेकर कर्म नियमों का पालन करते हैं।

महाराज जी ने कहा कि शरीर नश्वर है, किंतु आत्मा अविनाशी है और वह परमसत्ता का अंश है। मानव का अस्तित्व उसी सर्वशक्तिमान के कारण है, जिसने ब्रह्मांड की उत्पत्ति, संचालन और संहार की व्यवस्था बनाई। उन्होंने संगत को संदेश दिया कि मानव को सही अवस्था बनानी चाहिए और अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए सत्कर्म और प्रयास करना ही चाहिए।

समापन पर श्री महाराज जी ने सभी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम में नगर के गणमान्य लोग, ट्रस्ट के अध्यक्ष ओमप्रकाश अरोड़ा, उपाध्यक्ष महेंद्रपाल ढल्ल, महामंत्री प्रवीन वधावन, कोषाध्यक्ष अमित वत्ता, संयुक्त सचिव सुभाष चंद मल्होत्रा, ट्रस्टी सुदर्शन बजाज सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। विशाल भंडारे के साथ महोत्सव का समापन हुआ।


 

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