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कई बार मन करता है रोया जाए… खूब रोया जाए… किसी ऐसे के सामने जो हमें चुप ना कराए… बल्कि कहे कि- रो लो और तब तक न रोकना अपना…
राजसरकारो का राजदूत
कई बार मन करता है रोया जाए… खूब रोया जाए… किसी ऐसे के सामने जो हमें चुप ना कराए… बल्कि कहे कि- रो लो और तब तक न रोकना अपना…
एक और वर्ष जाने को है….. नया वर्ष पायदान पर खड़ा है! बीते वर्ष का लेखा जोखा हर वर्ष ही करते हैं हम! क्या पाया क्या खोया, क्या खर्च किया…
शाम घर आकर जब मैंने खुद को झड़ाया तो इतनी आँखें गिरी जमीं पर कुछ घूरती, कुछ रेंगती कुछ टटोलती मेरा तन मन कुछ आस्तीन में फंसी थी कुछ कॉलर…
इश्क़ की चाहत भी तुझ से ही है, और इस तड़प की शिकायत भी तुझ से ही है, ख्वाबों की उड़ान भी तुझ से ही है, और सुबह की शुरूआत…
एक क़िताब की तरह होती है, जिसे देखते हैं सब, अपनी-अपनी ज़रुरतों के, हिसाब से। कोई सोचता है उसे, एक घटिया और सस्ते, उपन्यास की तरह, तो कोई घूरता है,…
बन्धन तो कई तरह के होते हैं….. जन्म का बंधन…. सात फेरों का बन्धन… जिम्मेदारियों का बंधन… मन_का_बंधन…. एक मन का ही बन्धन है जो रेशम सा कोमल…हवा सा हल्का….…
‘महिला दिवस’ के शुभ दिवस की हार्दिक शुभ कामनाओं के साथ अब समय को फिर से मोड़ा जायेगा। आसमां से रंग निचोड़ा जायेगा। फिर से इक गंगा उतारी जायेगी, और…
हरियाणा से आई प्रसिद्ध द्विभाषी कवयित्री डा. रश्मि ने ११ फरवरी को World book Fair में आयोजित कवि सम्मेलन और मुशायरे में स्त्रीवादी कविता ” मैंने स्वप्न देखा है” प्रस्तुत…
लिखा तो बहुत सब पर अब बस तुमको लिखना चाहती हूँ जो कभी खत्म ना हो ऐसी अब एक कहानी चाहती हूँ । कुछ मीठे से एहसास तेरा वो साथ…
अनुज त्यागी पटना। हिंदी की कविताओं ने जहां दिलों को छुआ, शायरी की जुबानी मोहब्बत की मुनादी होते ही गजलों में लोग डूबने लगे। कुछ ऐसा ही नजारा शहर के…