उत्तरप्रदेश में तहसील स्तर पर होने वाले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए जबाबदेही के साथ ई-गवर्नेंस को प्रभावी रूप से लागू किया जाना चाहिए-अशोक बालियान,चेयरमेन पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन


पीजेंट के चेयरमेन अशोक बालियान ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ योगी को पत्र लिखते हुए कहा है कि उत्तरप्रदेश में तहसील स्तर पर होने वाले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए ई-गवर्नेंस को प्रभावी रूप से लागू कर सरकारी प्रक्रियाओं को ऑनलाइन किये जाने व् अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता है, क्योकि तहसील कार्यालयों के कर्मचारी व राजस्वकर्मियों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने की शिकायतें मिलती रहती है।
कर्मचारियों के बीच नैतिक व्यवहार, जवाबदेही और ईमानदारी को बढ़ावा देने वाला माहौल बनाने का भी आभाव है,क्योकि अधिकतर उच्च अधिकारीयों का आचरण भी अनुकरणीय नहीं है।और रोजाना मिलने वाली सबसे अधिक शिकायतें राजस्व विभाग और पुलिस से जुड़ी होती हैं जो किसी न किसी काम के लिए घूस मांगते हैं।
तहसील में राजस्व विभाग द्वारा भूमि विवाद की सुनवाई के लिए, विरासत दर्ज करने, भूमि की पैमाइश कराने के लिए, कृषि भूमि को आवासीय करने के नाम पर व् रेवेन्यू रिकॉर्ड में नाम गलत लिखना और फिर उसे ठीक करने के लिए घूस की मांग करना रोजाना की शिकायत रहती है। यह तहसील स्तर पर होने वाले भ्रष्टाचार के उदाहरण है।
जनपद मुज़फ्फरनगर की बुढाना तहसील के अंतर्गत ग्राम रसूलपुर जाटान (ग्राम कोड 111135) फसली सन 1425-1430 में खाता संख्या – 00189 में खसरा/गाटा संख्या 223 में खातेदार के विवरण में अजय कुमार पुत्र जयकुमार दर्ज कर दिया गया है,जबकि सही नाम अजय बालियान पुत्र जयकुमार पुत्र महिपाल सिंह है। यह गलती इस फसली सन 1425-1430 में बुढाना तहसील के राजस्व विभाग की है, इस खातेदार की 3 नवम्बर 2024 को मृत्यु हो चुकी है, जब तक राजस्व रिकार्ड में यह नाम ठीक नहीं होगा, तब तक विरासत भी दर्ज नहीं होगी, खातेदार के उतराधिकारी तहसील के चक्कर लगा रहे है, यही से लोगों की परेशानी शुरू होती है व् भ्रष्टाचार भी पनपता है।
अत: आपसे अनुरोध है कि उत्तरप्रदेश में तहसील स्तर पर होने वाले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए जबाबदेही के साथ ई-गवर्नेंस को प्रभावी रूप से लागू किया जाए।

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