अमित्र थिएटर ,डी -83, पटेल नगर , गाज़ियाबाद में कविताओं, दोहों, गीतों, और ग़ज़लों के तरह-तरह के जीवन एवं प्रकृति के विभिन्न पहलूओं के रंग बिखेरे गए। कार्यक्रम की अध्यक्षता दिनेश रघुवंशी (अंतराष्ट्रीय कवि) विशिष्ट अतिथि डॉ. रमा सिंह अंतराष्ट्रीय कवयित्री एवं डॉ.चेतन आनद (महासचिव मेरठ मंडल ), अतिथि प्रेम सागर प्रेम एवं मनोज कामदेव रहे। कार्यक्रम के प्रारंभ में बी. एल.बत्रा अमित्र जी ने सभी अतिथियों, श्रोताओं ,कवियों एवं कवयित्रियों का मंच से स्वागत किया, सबसे पहले कार्यक्रम का प्रारम्भ दीप प्रज्वलन के बाद सरस्वती वंदना ममता लड़ीवाल जी ने अपने मधुर कंठ से की, इसके बाद मंच संचालन का कार्यभार बी. एल. बत्रा अमित्र जी ने ममता लड़ीवाल जी को सौंपा। ममता लड़ीवाल जी ने मंच की गरिमा को ध्यान में रखते हुए सभी को मंचासीन करवाया एवं सभी अतिथियों का सम्मान माल्यार्पण, पुष्प गुच्छ एवं अंगवस्त्र तथा तुलसी के पौधे देकर किया गया। उसके बाद ‘देव प्रभा प्रकाशन’ से प्रकाशित डा.चेतन आनंद जी के सहयोग से आपकी अपनी शोभा सचान के दोहा -संग्रह ”कमल फूल उर-वेग के” का लोकार्पण किया गया। इसके बाद एक के बाद एक शायर एवं शायराओं ने अपनी बेहतरीन उपस्थिति एवं प्रस्तुति अपनी रचनाओं के माध्यम से दर्ज कराई । यहाँ उन सभी विशिष्ट साहित्यकारों, ग़ज़लकारों , गीतकारों के नाम इस प्रकार हैं जिन्होंने अपना काव्य पाठ किया — दिनेश रघुवंशी जी (अंतराष्ट्रीय कवि) , डॉ. रमा सिंह जी (अंतराष्ट्रीय कवियत्री), डॉ. चेतन आनद जी (महासचिव मेरठ मंडल ), प्रेम सागर प्रेम जी , मनोज कामदेव जी, बी. एल. बत्रा अमित्र(अध्यक्ष), शोभा सचान , प्रोफेसर(डॉ.) कमलेश संजीदा(सचिव) ,डॉ. तुलिका सेठ, अरुण शर्मा साहिबाबादी, ममता लड़ीवाल, मनीषा जोशी, ज्योति किरण राठोर , डॉ. सुरुचि सैनी, गार्गी कौशिक ,डॉ. सुधीर त्यागी, प्रशांत कुमार, राजेश प्रभाकर , भूपेंद्र राघव , पूजा श्रीवास्तव , वैशाली मित्त , संगीता अहलावत, सीमा पटेल, डॉ. निवेदिता शर्मा , पूनम सागर, आ.बी.एल.बत्रा जी की ग्रांड डाॅटर, छोटी सी गुड़िया ने काव्यपाठ कर सभी का मन मोह लिया। समारोह में श्रोता जनों की भी उपस्थित रही जिनमें प्रमुख महेश कुमार आहूजा (संरक्षक), पारस सचान, मोती राम शर्मा, पवी सचान, प्राची सचान, संजय दाधीच एवं निति अग्रवाल आदि। कविताओं,ग़ज़लों, गीतों का भरपूर सराहा, हौसला अफज़ाई की एवं भरपूर आनंद उठाया, इस तरह से सभी मन्त्र मुग्ध हो गए। अंत में अखिल भारतीय साहित्य परिषद्, गाजियाबाद के बी. एल. बत्रा अमित्र(अध्यक्ष), जी ने सभी का आभार व्यक्त किया ।