-इंडिया से भारत किए जाने की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए याचिका डालने वाले नमह ने की मांग
-नमह का दावा- मामले को अवश्य संज्ञान में लें पीएम मोदी
नई दिल्ली। श्री प्रेम बिहारी नारायण रायजादा (सक्सेना) द्वारा मूल संविधान प्रवाहमयी इटैलिक शैली में हस्तलिखित करने के लिये भारत रत्न देने की मांग की गई है। देश का नाम इंडिया से भारत किए जाने की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए याचिका डालने वाले नमह ने मांग की है कि संविधान लेखक श्री प्रेम बिहारी नारायण रायजादा(सक्सेना) को भी भारत रत्न से 30 मार्च को सम्मानित किया जाए। नमह का दावा है कि प्रधानमंत्री इस बात को अवश्य संज्ञान में लेंगे।
नमह ने कहा, उन्होंने जब संविधान पढ़ा तो महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी जैसे श्री प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा(सक्सेना) भारतीय संविधान के सुलेखक थे। मूल संविधान उनके द्वारा प्रवाहमयी इटैलिक शैली में हस्तलिखित था। उन्होंने कहा कि मूल संविधान से प्रेम बिहारी नारायण रायजादा(सक्सेना) द्वारा लिखित इंडेक्स ही गायब है जो आश्चर्यजनक है। नमह ने कहा कि वह पीएम मोदी को 100 प्रतिशत फॉलो करते हैं, वह उनकी बात सुनते हैं। नमह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अवश्य इस छुपे तथ्य को बाहर लाएंगे और पूरा विश्व अवगत होगा कि हमारी संस्कृति सब कुछ करना जानती है। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है जो इंगलिश में हस्तलिखित है। गाजियाबाद में जन्मे और किसान के बेटे नमह ने कहा कि उनका प्रयास है कि श्री प्रेम बिहारी नारायण रायजादा को जल्द से जल्द भारत रत्न की उपाधि मिले।