Anuj Tyagi


गोवा के नाइट क्लब में दिल दहला देने वाली त्रासदी—सिलेंडर फटने से मची अफरा-तफरी, 23 कर्मचारियों की दर्दनाक मौत

गोवा के उत्तर जिले के अरपोरा इलाके में शनिवार देर रात एक नाइट क्लब में अचानक हुए सिलेंडर ब्लास्ट ने बड़ा हादसा बना दिया। धमाके के बाद क्लब में आग इतनी तेज़ी से फैली कि देखते ही देखते पूरा परिसर धुएं और लपटों से भर गया। इस विनाशकारी घटना में कुल 23 कर्मचारियों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल बताए जा रहे हैं।

घटना के तुरंत बाद गोवा के पुलिस महानिदेशक ने बताया कि शुरुआती जांच में गैस सिलेंडर के फटने को हादसे का कारण माना जा रहा है। कई कर्मचारी आग की चपेट में आ गए, जबकि कुछ की जान घने धुएं की वजह से दम घुटने से चली गई। क्लब में रात के समय बड़ी भीड़ मौजूद थी, जिससे हालात और भी भयावह हो गए।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मृतकों में 20 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल हैं। कई पर्यटक भी उस समय क्लब में मौजूद थे। यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि मृतकों में कुछ बाहरी राज्यों से आए वर्कर्स या टूरिस्ट भी हो सकते हैं।


मुख्यमंत्री घटनास्थल पर पहुंचे, सुरक्षा मानकों पर बड़ा सवाल

हादसे की सूचना मिलते ही गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत रात में ही घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने इसे राज्य की हालिया सबसे दुखद घटनाओं में से एक बताया और कहा कि:

  • पूरे मामले की उच्च-स्तरीय जांच कराई जाएगी।
  • यदि सुरक्षा मानकों में किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई गई, तो कड़ी कार्रवाई होगी।
  • शुरुआती जानकारी में यह भी सामने आया कि क्लब में मौजूद पर्यटकों में से 3–4 लोगों की मौत हुई है।

मुख्यमंत्री ने अग्नि सुरक्षा से जुड़े नियमों को सख्ती से लागू करने का संकेत दिया है।


रातभर चला रेस्क्यू ऑपरेशन—धुआं और लपटें बनीं सबसे बड़ी चुनौती

दमकल विभाग, पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने पूरी रात राहत-बचाव अभियान चलाया। तेज़ आग और भारी धुएं के कारण बचाव कार्य काफी मुश्किल था।
स्थानीय विधायक माइकल लोबो के अनुसार—

“आग पर पूरी तरह काबू पाने में पूरी रात लग गई। अब इलाके के हर नाइट क्लब में फायर-सेफ्टी ऑडिट अनिवार्य होगा ताकि ऐसी भयावह घटना दोबारा न हो।”


भारत में आग की घटनाएँ—बार-बार उठता है सुरक्षा का मुद्दा

यह हादसा देश में अक्सर सामने आने वाले उन हादसों की याद दिलाता है, जिनमें सुरक्षा मानकों की अनदेखी बड़ी आपदाओं का कारण बनती है।
बीते वर्षों में—

  • हैदराबाद की एक इमारत में लगी आग में 17 लोगों की मौत,
  • कोलकाता के होटल हादसे में 15 लोगों की जान,
  • और गुजरात के मनोरंजन पार्क हादसे में 24 मौतें—सभी ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी थी।

गोवा का यह हादसा भी उसी कड़ी में एक गंभीर चेतावनी है।


 

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