नए कनेक्शन पर स्मार्ट मीटर लगाने के लिए करना पड़ रहा इंतजार
एक जून 2025 से यह व्यवस्था लागू भी कर दी गई, लेकिन कंपनी की ओर से उपभोक्ताओं से पैसे लेने के बावजूद 10 से 15 दिन तक मीटर नहीं लगाए जा रहे हैं, जिससे नए उपभोक्ताओं को भारी असुविधा हो रही है। गीता बिष्ट ने यह भी बताया कि विद्युत नियामक आयोग के आदेशानुसार शहरी क्षेत्रों में तीन दिनों के भीतर नया कनेक्शन उपलब्ध कराना अनिवार्य है।
ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखकर व्यवस्था में सुधार की मांग
ऐसे में स्मार्ट मीटर लगाने में देरी ऊर्जा निगम को आर्थिक दंड की स्थिति में ला सकती है। उन्होंने प्रबंध निदेशक से अनुरोध किया है कि जब तक प्रत्येक डिवीजन और उपखंड कार्यालय में समुचित संसाधन और स्टाफ उपलब्ध नहीं कराए जाते, तब तक पुरानी मीटर व्यवस्था को ही लागू रखा जाए।
सीलिंग प्रक्रिया में भी अनियमितता का आरोप
शिकायत में यह भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि जिन उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, उन्हें दी जा रही सीलिंग पर संबंधित अवर अभियंता के हस्ताक्षर के बजाय कंपनी प्रतिनिधियों द्वारा स्वयं हस्ताक्षर किए जा रहे हैं, जो कि नियमानुसार गलत है। यदि भविष्य में उपभोक्ता किसी विवाद के तहत न्यायालय की शरण लेते हैं तो निगम को कानूनी संकट का सामना करना पड़ सकता है।