चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भर्तियों के नाम पर धांधली और लेटलतीफी इस सरकार का तय नियम बन गया है। इसी के चलते एक बार फिर हाई कोर्ट में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। टीजीटी भर्ती मामले में सरकार को आइना दिखाते हुए हाई कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर एग्जामिनर्स की योग्यता पर सवालिया निशान खड़ा किया।
बयान जारी कर हुड्डा ने कही ये बात
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बयान जारी कर कहा कि इससे पहले भी कई बार भर्तियों में धांधलियों को लेकर कोर्ट सरकार को जुर्माना लगा चुकी है। हरियाणा पब्लिक सर्विस कमिशन में बैठे अधिकारी से करोड़ों रुपये की राशि बरामद की थी और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में बैठे लोग नौकरियों को बेचते हुए पकड़े गए थे।
हुड्डा ने कहा कि बावजूद इसके किसी भी मामले में सरकार की जांच निर्णायक सिरे तक नहीं पहुंची। सरकार खुद भर्तियों को लटकाने, उनमें धांधली करने और घोटालेबाजों को संरक्षण देने में लगी है।
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हुड्डा ने कहा कि बावजूद इसके किसी भी मामले में सरकार की जांच निर्णायक सिरे तक नहीं पहुंची। सरकार खुद भर्तियों को लटकाने, उनमें धांधली करने और घोटालेबाजों को संरक्षण देने में लगी है।
युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है सरकार- हुड्डा
हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार ने तीसरी बार सत्ता हथियाने के बाद एक बार फिर बेरोजगार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ शुरू कर दिया है। इतने महीने बाद भी अब तक ग्रुप सी और डी पदों की भर्ती के लिए कामन एलिजिबिलिटी टेस्ट की कोई तैयारी नजर नहीं आ रही।
उन्होंने कहा कि अब तक सरकार ने न टेस्ट की कोई तारीख तय की है और न ही एजेंसी। इतना ही नहीं सीईटी पास युवाओं को 9000 रुपये महीना देने का वादा करके सत्ता में आई भाजपा का ये वादा भी झूठा साबित हुआ। बजट में कहीं भी सीईटी पास युवाओं को मासिक भत्ता देने का जिक्र तक नहीं है।