लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तेजी से बढ़ रही गर्मी को देखते हुए लू से बचाव के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। लू से बचाव के लिए की जा रही तैयारियों की बुधवार को उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री भवन में समीक्षा की। योगी ने अधिकारियों से दो टूक कहा कि इसके कारण एक भी जनहानि नहीं होनी चाहिए। हर एक जनहानि हमारा व्यक्तिगत नुकसान है। इन घटनाओं से पूरा परिवार तबाह हो जाता है।
योगी ने जंगलों को अग्निकांड से बचाने के लिए वन विभाग द्वारा गश्त बढ़ाने और शरारती तत्वों पर सख्ती के साथ नकेल कसने के भी निर्देश दिए। कहा कि किसी भी कीमत पर शरारती तत्व जंगलों में अग्निकांड की घटनाओं को अंजाम न दे सकें। वन विभाग के साथ ही अग्निशमन विभाग पूरी सतर्कता बरते। चिंगारी से लगने वाली आग को लेकर पूरी सतर्कता बरती जाए।
उन्होंने कहा कि बचाव के उपायों के साथ ही अभियान चलाकर लोगों को भी लू से बचाव के लिए जागरूक किया जाए। जिला व तहसील स्तर पर कारण, बचाव व तैयारियों के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। इसके लिए डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड व होर्डिंग लगाई जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ जिलों में अभी से लू जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। ऐसे में सभी विभागों को सतर्कता बरतनी चाहिए। मीरजापुर, सोनभद्र व गाजीपुर जैसे जिलों में आकाशीय बिजली गिरने की सर्वाधिक घटनाएं होती हैं। किसानों को वज्रपात से अलर्ट करना होगा। मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से व पब्लिक एड्रेस सिस्टम से लोगों को सतर्क किया जाए।
योगी ने कहा कि लोगों को राहत देने के लिए भीड़भाड़ वाली जगहों व संस्थानों के पास शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जाए। जंगली जीवों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए वन विभाग वन रक्षकों व वन कर्मियों की जवाबदेही तय करे। बावड़ियों, तालाबों व छतों पर पानी की व्यवस्था की जाए। अस्पतालों में बर्न वार्ड को विशेष रूप से तैयार रखा जाए।
लू से बचाव की तैयारियों की समीक्षा करने के साथ ही राज्य हीट वेव एक्शन प्लान-2025 तथा लखनऊ, आगरा व झांसी के सिटी एक्शन प्लान की पुस्तक का विमोचन भी किया। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक हिंदी व सरल भाषा में तैयार की जाए ताकि लोग इसे आसानी से पढ़ सकें। प्रदेश में लू को पहले ही आपदा घोषित किया जा चुका है।

महाकुंभ के प्रसाद के रूप में जिलों में भेजें वाटर एटीएम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि महाकुंभ में लगाए गए वाटर एटीएम को सभी जिलों में प्रसाद के रूप में भेजा जाए। हर जिले में एक वाटर एटीएम भेजा जाए। लोगों के लिए बाजारों, बैंकों व सार्वजनिक स्थलों पर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था कराई जाए। बैंकों व उद्यमियों को कारपोरेट-सामाजिक उत्तरादायित्व के तहत वाटर एटीएम लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

"
""
""
""
""
"

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed