जॉइंट सीपी बबलू कुमार ने नन्हे परिंदे के बच्चों संग बिताए भावुक पल, पुलिस की मानवीय छवि को दी मजबूती
लखनऊ।पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ के जॉइंट कमिश्नर बबलू कुमार ने शनिवार को एक भावुक पहल का हिस्सा बनते हुए नन्हे परिंदे कार्यक्रम के तहत बच्चों के साथ वक्त बिताया। यह आयोजन चेतना संस्था और एचसीएल फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से पुलिस मुख्यालय में संपन्न हुआ।

कार्यक्रम स्थल पर मौजूद बच्चों की मुस्कान उस समय और खिल उठी जब बबलू कुमार और ट्रैफिक डीसीपी कमलेश कुमार दीक्षित उनके बीच पहुंचे। किसी ने फूल भेंट किए, तो किसी ने अपनी बनाई पेंटिंग दिखाई। बच्चे उत्साहित होकर दोनों अधिकारियों के साथ फोटो खिंचवाने के लिए आगे आते रहे।
बच्चों के मनोबल को बढ़ाते हुए अधिकारियों ने उनके लिए एक छोटी सी कक्षा का आयोजन भी किया। डीसीपी ट्रैफिक ने बच्चों से बातचीत के दौरान सवाल पूछे जैसे “त से क्या होता है?”, जिस पर 12 वर्षीय मोनिका ने तपाक से जवाब दिया “तरबूज, जिसे काटकर खाते हैं।” एक और सवाल “ट से टमाटर के अलावा क्या?” पर 11 वर्षीय राहुल ने पास खड़ी गाड़ी के पहिए की ओर इशारा करते हुए कहा “टायर”, जिस पर सभी लोग हंस पड़े और माहौल खुशनुमा हो गया।

बबलू कुमार ने इस पहल को सराहते हुए कहा कि नन्हे परिंदे का प्रयास सराहनीय है और भविष्य में इस अभियान को और विस्तार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही यह वैन अन्य क्षेत्रों में भी भेजी जाएगी, जिससे ज्यादा से ज्यादा अधिकारी इन बच्चों के साथ समय बिता सकें और उनके मन में पुलिस की सकारात्मक छवि बन सके।
चेतना संस्था के निदेशक संजय गुप्ता ने इस अवसर पर अपील की कि 15 अगस्त, गणतंत्र दिवस और उत्तर प्रदेश पुलिस दिवस जैसे कार्यक्रमों में नन्हे परिंदे की वैन और बच्चों को भी शामिल किया जाए।

डीसीपी ट्रैफिक कमलेश कुमार दीक्षित ने कहा कि बच्चों के समकक्ष बैठकर उनसे बातें करना एक सुखद अनुभव था। उन्होंने कहा कि इन मासूम चेहरों में उज्जवल भविष्य की संभावनाएं हैं, पर यदि ये गलत दिशा में मुड़ जाएं तो अपराध की राह पकड़ सकते हैं। चेतना संस्था और एचसीएल फाउंडेशन इन बच्चों को सही मार्ग दिखाकर एक सराहनीय कार्य कर रही हैं।
कार्यक्रम में लखनऊ की डिप्टी सीएमओ डॉ. ज्योति कामले ने बच्चों से स्वास्थ्य से जुड़े सवाल पूछे। जब उन्होंने पूछा कि बीमार पड़ने पर वे कहां जाएंगे, तो बच्चों ने मुस्कराकर जवाब दिया कि वे बीमार नहीं पड़ेंगे क्योंकि वे खुश रहते हैं। अगर कभी जरूरत पड़ी, तो वे अस्पताल जाएंगे। डॉ. ज्योति ने बच्चों को स्वच्छता और स्वस्थ जीवनशैली के टिप्स भी दिए।
इस मौके पर एचसीएल फाउंडेशन के करीब 10 स्वयंसेवकों के साथ चेतना संस्था की मीनाक्षी, सृष्टि, ऊषा, श्रवण, उमाशंकर, अबुल तथा एचसीएल से शशांक खरे और अंजली मिश्रा मौजूद रहे। पुलिस विभाग से विनोद कुमार शर्मा और विकास सिंह ने भी सहभागिता की।

यह पहल पुलिस और समाज के बीच सौहार्द्र बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।

