सीएम योगी आदित्यनाथ का सहारनपुर दौरा…….मुख्यमंत्री जी पार्टी का झंडा उठाने वाले कार्यकर्ताओं से कब मिलोगे?
हर बार सहारनपुर आगमन पर मुख्यमंत्री समीक्षा बैठक और जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर लौट जाते हैं वापस
पार्टी के बूथ अध्यक्ष और पार्टी के आम कार्यकर्ता से नहीं करते मुलाकात
पार्टी के कुछ जनप्रतिनिधि अपने हित की बात ही पहुंचाते हैं मुख्यमंत्री तक
अधिकारियों का करते हैं महिमा मंडन्, जनता की करते हैं अनदेखी
वरिष्ठ पत्रकारप्रशांत त्यागी
भारत के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में सरकार किसी भी राजनीतिक दल की रही हो लेकिन जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारियों के जुगलबंदी आम जनता और सत्ता पक्ष के पार्टी कार्यकर्ताओं को सत्ता के केंद्र से हमेशा दूर रखती है। मुख्यमंत्री के आगमन पर विशेष लोगों को ही उनसे मिलने की अनुमति मिलती है। आम कार्यकर्ताओं से मुख्यमंत्री ना तो कभी मिले और ना ही कभी उनका दुखड़ा सुना। जब भी मुख्यमंत्री सहारनपुर आते हैं तो केवल वही लोग वही चेहरे उन्हें नजर आते हैं जो उनके पहले दौरे पर उनके साथ बैठक में बैठते हैं।
2017 के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहारनपुर का कई बार दौरा कर चुके हैं। सहारनपुर दौरे के दौरान मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में विशेष बात या रहती है विधायक और मंत्री और पार्टी के बड़े पदाधिकारी ही केवल उनसे मिल पाते हैं। मीडिया को तो हमेशा मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से दूर ही रखा जाता है। लेकिन दुख इस बात का होता है कि जो पार्टी का कार्यकर्ता चुनाव और बूथ प्रबंधन संभलता है उसे मुख्यमंत्री को मिलने तक भी नहीं दिया जाता। वह अपनी मन की बात तक भी नहीं मुख्यमंत्री तक पहुंचा पाता । केवल मुख्यमंत्री का दौरा प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक और जनप्रतिनिधियों के साथ औपचारिक भेंट तक सीमित रहता है। सहारनपुर की राजनीति में क्या चल रहा है? आम पार्टी कार्यकर्ताओं की क्या दशा है? अधिकारी कार्यकर्ताओं की सुन रहे हैं या नहीं सुन रहे हैं इससे मुख्यमंत्री को स्थानीय नेताओं द्वारा अवगत नहीं कराया जाता।
जनता के हित को खूंटी पर टांग देते हैं जनप्रतिनिधि
केवल अधिकारियों का महिमा मंडन और अपने आप को चमकाने में सहारनपुर के भाजपा नेता मुख्यमंत्री के सामने लगे रहते हैं। कहा जाता है कि सहारनपुर के जनप्रतिनिधि भी अपने आसपास चापलूस लोगों को ही पसंद करते हैं और फिर खुद मुख्यमंत्री के आसपास उनकी चापलूसी करते नजर आते हैं। चापलूसी की आड़ में वह आम जनता की जन समस्याओं को भूल जाते हैं। और अधिकारियों के सामने खुद को मुख्यमंत्री का नजदीकी और करीबी नेता दिखाने का प्रयास कर उन पर रौब ग़ालिब करते हैं। जो अपने हित की बात होती है वही मुख्यमंत्री तक बताई जाती है जनता के हित को खुंटी पर टांग दिया जाता है।
आखिर राजा को प्रजा से क्यों किया जा रहा है दूर?
अगर राजा की तरह वह अपने प्रजा के बीच में जाकर उनकी समस्याओं को सुने उनकी बातों पर सुने उनके साथ बैठे किसानों के बीच जाएं किसानों के साथ उनकी बातों को सुनी आम महिलाओं आम जनमानस की बातों को सुने तो सच में सरकार कार्यशैली में बदलाव भी नजर आएगा। लेकिन अन्य मुख्यमंत्री की तरह यहां भी लोगों को घरों में कैद करना और मुख्यमंत्री के दौरे को सफल बनाना अधिकारियों का मकसद रहता है। आम जनता की बात मुख्यमंत्री तक नहीं पहुंच पाती यह बड़ी दुख की बात है।
कुछ जनप्रतिनिधियों ने सहारनपुर में भाजपा का किया बेडा ग़र्क
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशाली वैसे तो बहुत अच्छी है। वह जनता से मिलना भी चाहते हैं और उनके बीच में रहना भी चाहते हैं। लेकिन सहारनपुर के कुछ जनप्रतिनिधि उनके आसपास घूम कर और खुद को मुख्यमंत्री का नजदीकी बता कर सहारनपुर में भाजपा का जो बेडा ग़र्क कर रहे हैं वह अपने आप में जग जाहिर नहीं है। लेकिन जनता चुप है 2027 में अभी समय है। जब विधानसभा चुनाव आएगा तो शायद मुख्यमंत्री तो दूर अगर प्रधानमंत्री भी जनता के बीच आएंगे जनता के आक्रोश को मुश्किलें ही संभाल पाए। इसकी मुख्य वजह रहेगी जनता और सरकार के बीच में दूरी और दूरी की वजह जनप्रतिनिधि।
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