मुजफ्फरनगर
जनपद में हर आम व खास के मुख पर लावारिसों की वारिस के नाम से चर्चाओं में रहने वाली क्रांतिकारी शालू सैनी ने हर रोज की तरह आज भी एक साथ दो लावारिस शवों को अपना नाम देते हुए अंतिम संस्कार किया पिछले कई सालों से लावारिसों पुण्य आत्माओं का अंतिम संस्कार करना व वृद्धजनों का सहारा बनने के लिए शालू सैनी ने खुद को समर्पित किया हुआ हैं वही क्रांतिकारी शालू सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि आज उन्होंने दो लावारिस शवों को अपना नाम देते हुए अंतिम संस्कार किया जिसमें एक लावारिस शव की सूचना एक लावारिस शव की सूचना
जीआरपीएफ खतौली और एक सूचना खतौली थाने से मिली थी वही लोगों का कहना है कि लावारिसों की वारिस क्रांतिकारी शालू सैनी मानों एक फरिस्ता बनकर ही इस धरती पर आई और बेसहारा लोगों का सहारा बनकर मोह माया का मोह छोडकर सेवा में लग चुकी हैं समाज सेवा के नाम पर अपनी सेवा तो तमाम सेवादारों को देखा गया हैं मगर लावारिसों की वारिस क्रांतिकारी शालू सैनी द्वारा ही समाज सेवा का असली चेहरा जनता जनार्दन के सामने लेकर आई हैं