अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बर्द्धन ने शुक्रवार को सचिवालय स्थित मुख्य सचिव सभागार में राज्य कर, स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन, आबकारी, खनन, वन, परिवहन एवं ऊर्जा विभाग की राजस्व प्राप्ति की समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि शुक्रवार तक राज्य के स्वयं के कर राजस्व का लगभग 61 प्रतिशत प्राप्त किया गया है।
ऊर्जा ने 44 प्रतिशत की कर वसूली
इसी प्रकार, आबकारी के लिए 4439 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित है। इसका 66 प्रतिशत वसूल किया गया है। स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन शुल्क में 64 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया गया है। वाहन कर के लिए 1550 करोड़ का लक्ष्य रखा गया, लेकिन लक्ष्य की तुलना में 60 प्रतिशत से कम वसूली रही।
वाहन कर के अंतर्गत 59 प्रतिशत राजस्व प्राप्त हुआ है। ऊर्जा में कर राजस्व के अंतर्गत 44 प्रतिशत की प्राप्ति अब तक हो चुकी है। करेत्तर राजस्व से संबंधित प्रमुख विभागों में खनन के अंतर्गत बजट अनुमानों के सापेक्ष 69 प्रतिशत वसूली हुई है।
वन विभाग को हर महीने करनी होगी समीक्षा
वन विभाग ने लक्ष्य का मात्र 47 प्रतिशत ही कर वसूल किया है। वन विभाग के अधिकारियों को सभी चेक पोस्टों पर नेशनल ट्रांजिट पास सिस्टम क्रियान्वित करने, वन डिपो में निर्मित शेड पर सोलर पैनल लगाने, वर्किंग प्लान में 1000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों को भी सम्मिलित करने एवं सर्किल क्षेत्रवार राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य व उनकी वसूली की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए। साथ ही राजस्व प्राप्ति की माहवार समीक्षा करने एवं अगले चार महीने में कितना राजस्व अर्जित कर लेंगे, उसकी कार्ययोजना वित्त विभाग को उपलब्ध कराने को निर्देशित किया गया।
कर चोरी रोकने को करें एआइ का उपयोग
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य कर विभाग के अधिकारियों को कर चोरी पर पर अंकुश लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करने तथा सर्विस सेक्टर से समुचित राजस्व प्राप्ति करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही आबकारी विभाग को भी बकाया कर वसूली में तेजी लाने को कहा गया है।
खनन विभाग के अधिकारियों को समाप्त हो रही लीज एवं क्लीयरेंस के प्रकरणों के नवीनीकरण को समय से पहले आवेदन करने एवं नए क्षेत्रों में अतिरिक्त खनन की संभावना के लिए सर्वेक्षण करने को कहा गया है। साथ ही सभी प्रकरणों को पीएम गति शक्ति पोर्टल पर अपलोड करने, खनन निदेशालय को खनन प्लान बनाने और संबंधित स्वीकृति की समयसीमा जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। इन विभागों की की 15 दिनों में पुनः समीक्षा बैठक होगी।
लीसा, ईको टूरिज्म पर देना होगा प्रस्तुतीकरण
यह तय किया गया कि अगली समीक्षा बैठक में लीसा , ईको टूरिज्म एवं जड़ी-बूटी से समुचित राजस्व अर्जन पर केंद्रित विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा। यह भी निर्देशित किया गया कि प्रमुख सचिव वन की अध्यक्षता में विभागीय राजस्व अभिवृद्धि के लिए आंतरिक समीक्षा की जाए। परिवहन विभाग के अधिकारियों को विभिन्न करों का युक्तीकरण करने की संभावनाओं का पता लगाने, बाहर से आने वाले वाहनों पर टोल टैक्स के साथ ही फास्टैग के माध्यम से ग्रीन सेस की वसूली, एएनपीआर कैमरा लगाने के संबंध में प्रगति लाने की हिदायत दी गई।
ऊर्जा निगम को बढ़ानी होगी बिलिंग क्षमता
राज्य कर, खनन को भी एएनपीआर कैमरे का प्रभावी उपयोग करना होगा। ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को शहरी क्षेत्र में प्रीपेड मीटर की कार्यवाही शीघ्र करने, बिलिंग क्षमता व राजस्व प्राप्ति क्षमता बढ़ाने को कहा गया। समीक्षा बैठक में राजस्व प्राप्ति को लेकर पिछली बैठक में दिए गए निर्देशों की समीक्षा की गई।
अपर मुख्य सचिव द्वारा राजस्व प्राप्ति के लक्ष्यों को समयबद्ध रूप से प्राप्त करने पर बल दिया। बैठक में वित्त सचिव दिलीप जावलकर, बृजेश संत, एचसी सेमवाल, अपर सचिव सी रविशंकर, डा इकबाल अहमद, विनीत कुमार, एनके जोशी, मनमोहन मैनाली, सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।