बाराबंकी। जिला नगरीय विकास अभिकरण में पीएम शहरी आवास के नाम पर करीब साढ़े 27 लाख रुपये गबन के मामले में नगर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। सर्वेयर व अन्य पदों पर काम करने वाले कर्मचारियों व उनके परिवारजन के नाम से 11 पीएम आवास के फर्जी जीओ टैग कर धनराशि निकाले जाने का मामला संयुक्त मजिस्ट्रेट आर जगत साईं की जांच में सामने आया था। डीएम ने 12 नवंबर को सूडा निदेशक को जांच रिपोर्ट भेजी थी। मामले में राज्य नगरीय विकास अभिकरण के लिपिक जय प्रकाश मिश्रा की तहरीर पर गुरुवार देर रात मुकदमा लिखा गया।
तहरीर के अनुसार, डूडा के तत्कालीन जिला समन्वयक आशीष कुमार चौरसिया द्वारा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर गलत जीओ टैग कराकर राजेश्वर वर्मा व उनकी मां मिथिलेश, विजय प्रताप सिंह की पत्नी अंतिमा सिंह, शमशेर यादव पुत्र रामदेव, अभिजीत वर्मा पुत्र वीरेंद्र कुमार, सौरभ कुमार पुत्र महेंद्र कुमार, विकास वर्मा पुत्र ओमकार चौधरी, विवेक कुमार यादव पुत्र राम कैलाश, रवि प्रकाश पुत्र गुरु प्रसाद सहित एक अन्य आउटसोर्सिंग कर्मी की पत्नी व मां के नाम से ढाई-ढाई लाख रुपये का गबन किया।
तहरीर में यह भी कहा गया है कि आशीष कुमार चौरसिया ने पद का दुरुपयोग करते हुए गलत जीओ टैग को स्वीकार किया। आशीष को डूडा कार्यालय बाराबंकी से कार्यमुक्त कर दिया गया था। 26 अक्टूबर 2024 को डूडा हरदोई में कार्यभार भी ग्रहण कर लिया, लेकिन अभी तक नए सीएलटीसी आशुतोष गुप्ता को योजना की पत्रावलियां, डाटा और सीयूजी सिम उपलब्ध नहीं कराया है। नगर कोतवाल आलोक मणि त्रिपाठी ने बताया कि तहरीर के आधार पर गबन का मुकदमा दर्ज किया गया है।
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