बुलंदशहर। मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेस-वे के किनारे मेरठ से प्रयागराज तक औद्योगिक क्षेत्र धीरे-धीरे आकार लेने की ओर अग्रसर है। जिले की सीमा से सटे गंगा एक्सप्रेस-वे किनारे 120 हेक्टेयर जमीन पर औद्योगिक गलियारा आकार लेगा। जिले के युवाओं के लिए औद्योगिक गलियारा रोजगार की राह प्रशस्त करेगा।
उत्तर प्रदेश औद्योगिक एक्सप्रेसवेज विकास प्राधिकरण(यूपीडा) मेरठ से लेकर प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण अंतिम चरण में चल रहा है। प्रदेश सरकार कुंभ से पहले ही एक्सप्रेस-वे का संचालन शुरू करने के प्रति गंभीर है। मेरठ से प्रयागराज तक 12 जिलों में गंगा एक्सप्रेस-वे किनारे 30 स्थानों पर औद्याेगिक गलियारा भी विकसित किया जा रहा है। जिले की सीमा किनारे हापुड़ की गढ़मुक्तेश्वर तहसील के तीन गांव में इंटरचेंज के पास औद्योगिक गलियारा विकसित किया जाएगा।
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अधिगृहीत होगी जमीन
तीन गांव में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए 120 हेक्टेयर जमीन अधिगृहित की जानी है। अब तक 30 हेक्टेयर जमीन अधिगृहित की जा चुकी है। प्रशासन ने जमीन अधिगृहित करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए प्रशासन जमीन अधिगृहित करने की प्रक्रिया में जुटा है। अप्रैल तक जमीन अधिगृहित पूरा करने का लक्ष्य है। इसके बाद यूपीडा औद्योगिक क्षेत्र बसाने की प्रक्रिया शुरू कर देगा।
औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए होगी जमीन अधिगृहीत
जिले की सीमा के पास पांच किलोमीटर दूर हापुड़ में सदरपुर व 12 किलोमीटर दूर अमरोहा जनपद के मंगरौला में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए जमीन अधिगृहित की जा रही है। गंगा एक्सप्रेस-वे का सबसे अधिक लाभ सफर से लेकर रोजगार तक जनपद के युवाओं को होगा। नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना से रोजगार के द्वार खुलने से स्याना क्षेत्र का पिछड़ापन भी दूर होगा।
इन गांव में विकसित होगा औद्योगिक गलियारा
हापुड़ की गढ़मुक्तेश्वर तहसील के सदरपुरभैना, ठेरा ,चिचावली में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने को जमीन अधिगृहित हो रही है।
परियोजना पर एक नजर
मेरठ से प्रयागराज तक बना रहा एक्सप्रेस-वे
- आरओबी- 7
- बड़े पुल – 14
- छोटे पुल – 127
- अंडरपास – 375
- डायमंड इंटरचेंज- 8
- ओवर ब्रिज – 28
- मुख्य टोल – 2
- परियोजना की अनुमानित लागत- 36,404 करोड़