कर्नाटक के बेंगलुरु में मैसूर-चेन्नई वंदे भारत पर शनिवार (25 फरवरी) को पथराव किया गया. पथराव में ट्रेन की दो खिड़कियां क्षतिग्रस्त हुई हैं. घटना कृष्णराजपुर और बेंगलुरु कैंटोनमेंट रेलवे स्टेशन के बीच घटित हुई. रेलवे पुलिस मामले की जांच कर रही है.
सभी यात्री सुरक्षित बताए गए हैं. रेलवे पुलिस ने ट्रेन पर पत्थरबाजी की घटना को लेकर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. फिलहाल, किसी शख्स की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
पिछले साल पीएम मोदी ने दिखाई थी हरी झंडी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 11 नवंबर को सेमी हाईटेक ट्रेन मैसूर-चेन्नई वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई थी. चेन्नई-मैसूर वंदे भारत एक्सप्रेस सप्ताह में छह दिन चलती है. यह चेन्नई सेंट्रल से सुबह 5:50 बजे निकलती है और दोपहर 12:30 बजे मैसूर पहुंचती है. बीच में, यह बेंगलुरु के केएसआर स्टेशन पर रुकती है.
दक्षिण पश्चिम रेलवे, बैंगलोर डिवीजन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि इस साल जनवरी में रेलवे सुरक्षा बल ने पथराव के कुल 21 मामले दर्ज किए गए हैं। इस तरह के 13 मामले फरवरी में डिवीजन में दर्ज किए गए. दो हफ्ते पहले, सिकंदराबाद-विशाखापत्तनम वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पर भी पथराव किया गया था, जब यह तेलंगाना के महबूबाबाद जिले से गुजर रही थी. पथराव के कारण एक खिड़की का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया, हालांकि कोई घायल नहीं हुआ था.
पहले भी हो चुका वंदे भारत पर पथराव
इससे पहले इसी साल जनवरी में पश्चिम बंगाल के मालदा में हावड़ा जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव किया गया था. घटना 2 जनवरी को हुई थी. उसके एक दिन बाद 3 जनवरी को दार्जलिंग से वंदे भारत ट्रेन पर पथराव का मामला सामने आया था. इसके कुछ दिन बाद 20 जनवरी को न्यू जलपाईगुड़ी से हावड़ा जा रही वंदे भारत ट्रेन पर पथराव किया गया था. यह घटना बिहार के कटिहार जिले में सामने आई थी.
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