समाजसेवी व पत्रकार विकास बालियान ने भाजपा नेताओं संग डीएम से की मुलाक़ात, सहारा भूमि व न्यू मैक्स सिटी प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग तेज
मुजफ्फरनगर। नगर में लंबे समय से चर्चाओं में चल रहे न्यू मैक्स सिटी परियोजना और सहारा भूमि प्रकरण ने अब एक बड़ा मोड़ ले लिया है। समाजसेवी, पत्रकार, फिल्म कलाकार तथा आरटीआई एक्टिविस्ट विकास बालियान ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं—पूर्व जिला अध्यक्ष एवं पूर्व जिला कोऑपरेटिव बैंक चेयरमैन सत्यपाल पाल, तथा भाजपा के पूर्व जिला मंत्री और पूर्व पालिका परिषद प्रत्याशी संजय अग्रवाल—के साथ जिलाधिकारी आवास पहुँचकर दोनों मामलों में गंभीर अनियमितताओं को लेकर विस्तृत तथ्य रखे।

विकास बालियान, पत्रकार समाजसेवी
सूत्रों के अनुसार जिलाधिकारी ने पूरे मामले को ध्यानपूर्वक सुना तथा रेरा और सेबी से दस्तावेज़ मंगवाने की बात कही। साथ ही सत्यपाल पाल और संजय अग्रवाल ने पाँच सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच समिति गठित करने का सुझाव रखा, जिसमें लीगल विशेषज्ञ, राजस्व अधिकारी, एडीएम स्तर के अधिकारी और पुलिस विभाग के प्रतिनिधि शामिल हों। विकास बालियान ने जिलाधिकारी को आश्वस्त किया कि आवश्यक साक्ष्य और बैंक रिकॉर्ड वे उपलब्ध कराएंगे।

सत्यपाल सिंह पाल, पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष व पूर्व चेयरमैन कॉपरेटिव बैंक
सहारा भूमि प्रकरण पर उठे बड़े प्रश्न
विकास बालियान द्वारा प्रस्तुत जानकारी के अनुसार—
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 212.51 एकड़ भूमि सेबी के पास गिरवी रखी गई थी, जिसे 2013 में 307 करोड़ रुपये मूल्यांकित किया गया था।
वही भूमि 2022–2024 के बीच आनंद सिंह बिष्ट नामक व्यक्ति द्वारा “ऑथराइज़्ड सिग्नेटरी” बनकर लगभग 95 करोड़ रुपये में कुछ कंपनियों और व्यक्तियों को बेचे जाने का दावा किया जा रहा है।
उन्होंने सवाल रखा कि जब सेबी स्पष्ट कह रहा है कि मूल दस्तावेज़ (Original Title Deeds) उसके पास सुरक्षित हैं, तो किस आधार पर रजिस्ट्री और दाखिल-खारिज की कार्यवाही हुई?
सेबी की मंजूरी के बिना बिक्री, ट्रांसफर और रजिस्ट्री कैसे संभव हुई?

संजय अग्रवाल पूर्व भाजपा जिला महामंत्री
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न्यू मैक्स सिटी परियोजना पर भी कई गंभीर सवाल
डीएम को दिए गए विवरण में विकास बालियान ने कहा—
जिस परियोजना का नक्शा 2025 में स्वीकृत हुआ, उसकी प्लॉट बिक्री 2024 में कैसे शुरू हो गई?
उन्होंने बैंकों की 2024 की रसीदें जिलाधिकारी को दिखाईं, जो न्यू मैक्स द एड्रेस प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ी हैं।
कंपनी द्वारा कथित रूप से कई शैल कंपनियाँ बनाकर आपस में जुड़े निदेशकों के माध्यम से लेन–देन दिखाने की बात भी कही गई।
परियोजना के पास अभी Completion Certificate नहीं है, फिर भी कई रजिस्ट्री हो चुकी हैं—ये कैसे हुआ?
विकास बालियान का दावा है कि बिक्री की राशि सेबी-सहारा खाते में जमा नहीं हुई, जबकि धनराशि निवेशकों की थी और रिफंड इसी से संभव है।
उन्होंने यह भी पूछा—
“दिल्ली–हरिद्वार हाईवे की प्रीमियम लोकेशन पर स्थित भूमि जिसकी बाजार कीमत 50 लाख से 1 करोड़ रुपये प्रति बीघा तक है, वह महज़ 5 लाख रुपये प्रति बीघा में कैसे बेची गई?”
उन्होंने कहा कि कई खरीदार कंपनियाँ 2024 में ही गठित हुईं 1और किसी ने भी 5 हेक्टेयर से अधिक भूमि न खरीदकर सीलिंग कानून से बचने की कोशिश की।
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बढ़ रहा समर्थन, मुद्दा व्यक्तिगत से उठकर जनहित तक पहुँचा
करीब एक वर्ष से इस मुद्दे पर लगातार आवाज़ उठा रहे विकास बालियान के समर्थन में अब कई सामाजिक और राजनीतिक चेहरे सामने आ रहे हैं।
राष्ट्रीय गुर्जर समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र गुर्जर पहले ही निष्पक्ष जांच की मांग कर चुके हैं।
अब भाजपा नेता सत्यपाल पाल, संजय अग्रवाल सहित कई स्थानीय नेता भी इस मुहिम का हिस्सा बन चुके हैं।
इससे मामला अब निजी संघर्ष की सीमा से निकलकर जनहित और राजनीतिक स्तर पर पहुँच गया है।
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विकास बालियान बोले — “धमकियाँ मिल रही हैं, क्या मैं सच बोलना बंद कर दूँ?”
विकास बालियान ने कहा कि—
“मेरे ऊपर दबाव बनाने, डराने-धमकाने और प्रलोभन देने की कोशिशें लगातार हो रही हैं। क्या मुझे अपनी आवाज़ उठााना बंद कर देना चाहिए? अगर मैं गलत हूँ तो सज़ा दी जाए, और अगर सही हूँ तो जांच क्यों न हो?”
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि—
“क्या जिले में कोई लीगल टीम या लीगल एक्सपर्ट नहीं है जो इस बड़े मामले पर खुलकर अपनी राय रख सके?”
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मामला अब मुजफ्फरनगर का प्रमुख उभरता विवाद
न्यू मैक्स सिटी और सहारा भूमि प्रकरण लगातार सुर्खियों में है। समाजसेवियों, सामाजिक संगठनों और अब राजनीतिक हस्तियों के जुड़ने से यह मामला आने वाले दिनों में बड़ा मोड़ ले सकता है।

