कानपुर। सजेती थाना क्षेत्र के कोटरा गांव में पुलिस की प्रताड़ना के चलते युवक के फंदा लगाकर जान देने के मामले में आरोपित दारोगा, सिपाही, प्रधान और युवक की पत्नी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। वहीं, आरोपित दारोगा और सिपाही को निलंबित कर दिया गया है।
कोटरा निवासी 42 वर्षीय जीत कुमार उर्फ जीतू निषाद ने सोमवार शाम घर पर फंदा लगाकर जान दे दी थी। पिता रमेश ने बताया था कि बीती चार जून को जीतू का पत्नी सुमन से झगड़ा हुआ था।
सुमन की शिकायत पर गांव में ही बने पुलिस सहायता केंद्र में तैनात पुलिसकर्मियों ने जीतू को पकड़कर 20 हजार रुपये की मांग की दी। न देने पर मारपीट की थी। जीत ने किसी तरह गेहूं बेचकर पांच हजार रुपये दिए थे। शेष 15 हजार रुपये के लिए पुलिसकर्मी दबाव बना रहे थे।
सुमन की शिकायत पर गांव में ही बने पुलिस सहायता केंद्र में तैनात पुलिसकर्मियों ने जीतू को पकड़कर 20 हजार रुपये की मांग की दी। न देने पर मारपीट की थी। जीत ने किसी तरह गेहूं बेचकर पांच हजार रुपये दिए थे। शेष 15 हजार रुपये के लिए पुलिसकर्मी दबाव बना रहे थे।
रुपये का इंतजाम न होने पर जीत कुमार उर्फ जीतू ने फंदा लगाकर जान दे दी थी। रमेश ने बेटे जीतू के ससुर बीरबल अकबरपुर प्रधान रामकिशोर पर भी पुलिस कर्मियों द्वारा पिता को पिटवाने के आरोप लगाए थे।
इस घटना के बाद स्वजन और ग्रामीण आक्रोशित हो उठे थे। देर रात विधायक सरोज कुरील मौके पर पहुंची थीं। जीतू के शरीर पर चोंट देखकर वह भड़क उठीं और उन्होंने डीसीपी से कड़ी कार्रवाई करने को कहा था।
इस घटना के बाद स्वजन और ग्रामीण आक्रोशित हो उठे थे। देर रात विधायक सरोज कुरील मौके पर पहुंची थीं। जीतू के शरीर पर चोंट देखकर वह भड़क उठीं और उन्होंने डीसीपी से कड़ी कार्रवाई करने को कहा था।
विधायक के फोन पर डीसीपी साउथ दीपेंद्र नाथ चौधरी भी मौके पर पहुंच गए थे। इसके बाद पुलिस सहायता केंद्र के प्रभारी आरोपित दारोगा गौरव सहूलिया और सिपाही रवि के साथ ही जीतू की पत्नी सुमन और प्रधान रामकिशोर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की। इसके साथ ही दारोगा और सिपाही को निलंबित कर दिया गया।
ग्रामीण बोले- लूट का अड्डा है पुलिस सहायता केंद्र
ग्रामीणों ने बताया कि गांव स्थित पुलिस सहायता केंद्र लूट का अड्डा बन गया है। यहां तैनात पुलिसकर्मी लोगों को परेशान कर उनसे वसूली करते हैं। छोटे-मोटे झगड़ों में भी डर दिखाकर रुपये ऐंठते हैं। रुपये न देने वालों के साथ अभद्रता की जाती है। बताया कि 10 दिन पूर्व गांव निवासी भोला ने फंदा लगाकर जान दी थी। आंशका जताई कि वह भी पुलिस से प्रताड़ित था।
विधायक सरोज कुरील ने बताया कि पुलिस कर्मियों की प्रताड़ना के चलते युवक के फंदा लगाने पर वह पहुंची थीं। उन्होंने पुलिस उच्चाधिकारियों से आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी।
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ग्रामीण बोले- लूट का अड्डा है पुलिस सहायता केंद्र
ग्रामीणों ने बताया कि गांव स्थित पुलिस सहायता केंद्र लूट का अड्डा बन गया है। यहां तैनात पुलिसकर्मी लोगों को परेशान कर उनसे वसूली करते हैं। छोटे-मोटे झगड़ों में भी डर दिखाकर रुपये ऐंठते हैं। रुपये न देने वालों के साथ अभद्रता की जाती है। बताया कि 10 दिन पूर्व गांव निवासी भोला ने फंदा लगाकर जान दी थी। आंशका जताई कि वह भी पुलिस से प्रताड़ित था।
विधायक सरोज कुरील ने बताया कि पुलिस कर्मियों की प्रताड़ना के चलते युवक के फंदा लगाने पर वह पहुंची थीं। उन्होंने पुलिस उच्चाधिकारियों से आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी।