मिर्जापुर। विंध्याचल मंडल के किसान धान व गेहूं आदि की परंपरागत खेती के साथ ही औद्यानिक खेती करके आर्थिक रुप से स्वावलंबी बन रहे हैं। उद्यान विभाग की ओर से इस वर्ष मीरजापुर में 50 व सोनभद्र में 50 सहित कुल 100 हेक्टेयर में ड्रैगन फ्रूट की खेती कराने का लक्ष्य शासन से मिला है।
सबसे बड़ी राहत की बात है कि सरकार की ओर से किसानों को मिलने वाला अनुदान भी बढ़ा दिया गया है। किसानों को अब प्रति हेक्टेयर 30 हजार की बजाए दो लाख 70 हजार रुपये अनुदान मिलेगा। अनुदान की धनराशि बढ़ने से किसानों को काफी लाभ मिलेगा।
किसान जुलाई माह से ड्रैगन फ्रूट की खेती आरंभ कर सकते हैं। मीरजापुर में ही 125 एकड़ में 250 किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं।जिला उद्यान अधिकारी मेवा राम ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट की पैदावार जून से दिसंबर माह तक होती है। ड्रैगन फ्रूट पोषण से भरपूर तथा एंटी एलर्जी सहित कई गुणों से युक्त है।
किसान जुलाई माह से ड्रैगन फ्रूट की खेती आरंभ कर सकते हैं। मीरजापुर में ही 125 एकड़ में 250 किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं।जिला उद्यान अधिकारी मेवा राम ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट की पैदावार जून से दिसंबर माह तक होती है। ड्रैगन फ्रूट पोषण से भरपूर तथा एंटी एलर्जी सहित कई गुणों से युक्त है।
प्रति एकड़ 45 से 55 क्विंटल ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन होता है। एक एकड़ खेती करने पर लगभग साढ़े चार लाख रुपये का खर्च आता है। तीसरे वर्ष से प्रति एकड़ लगभग छह लाख रुपये की आमदनी आरंभ हो जाती है।
मीरजापुर में 125 एकड़ में महिला सहित 250 किसान कर रहे खेती
वर्तमान समय में जनपद में 125 एकड़ में लगभग 250 किसान खेती कर रहे हैं। राजगढ़ के गढ़वा में नीलू सिंह सहित लगभग 30 महिलाएं भी खेती कर रही हैं। बनारस, प्रयागराज, लखनऊ आदि जिलों में भी ड्रैगन फ्रूट की आपूर्ति की जा रही है।
राजगढ़ के बनइमिलिया की सुमन देवी को राज्यपाल बीते 17 फरवरी 2025 को पुरस्कृत कर चुकी हैं। सिटी ब्लाक के नुआव गांव के आकाश दुबे के अनुसार एक एकड़ में लगभग चार लाख का खर्च आया है। एक फल का वजन भी आधा किलो या उससे ज्यादा होता है।

