मथुरा। लोहे की पटरी पर ट्रेन दौड़ा रही रेलवे गुरुवार सुबह एक यात्री के लिए ‘निष्ठुर’ बनी रही। व्हीलचेयर क्रिकेटर यात्री को सिरदर्द और घबराहट हुई। इसे मामूली मानते हुए चिकित्सा सुविधा सैकड़ों किमी दूर मथुरा स्टेशन पर उपलब्ध कराने को कह दिया।
संवेदनहीनता यह कि हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से मथुरा तक रास्ते में चार ठहराव स्टेशनों में से किसी पर भी डॉक्टर को बुलाने तक की जरूरत नहीं समझी। हृदयाघात की स्थिति में उपचार के लिए महत्वपूर्ण ‘गोल्डन आवर’ के समय को मथुरा स्टेशन से पहले ही डेढ़ घंटा प्रतीक्षा कराने में गुजार दिया।
ट्रेन जब मथुरा रेलवे स्टेशन पहुंची, तब तक क्रिकेटर की सांस थम चुकी थी। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम गृह पहुंचाया। परिजनों को सूचना दे दी। ग्वालियर में गुरुवार से व्हीलचेयर क्रिकेट टूर्नामेंट शुरू हो रहा है।
साथी राजा ने 4.58 बजे कंट्रोल रूम में 139 नंबर पर सूचना दी। राजा ने बताया कि वहां से मथुरा में चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने को कहा गया। मथुरा से करीब 12 किमी पहले आंझई रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पहुंची तो ट्रैक क्लियर नहीं था।
छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस का मथुरा जंक्शन स्टेशन पर पहुंचने का समय सुबह 7.50 बजे है, लेकिन ट्रेन 8.10 बजे पहुंची। स्टेशन पर चिकित्सक ने विक्रम सिंह को मृत घोषित कर दिया।
यहां मिल सकती थी चिकित्सकीय सहायता
मथुरा से पहले छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस का बल्लभगढ़, पलवल, कोसी और छाता में भी ठहराव है। बुधवार सुबह यहां ट्रेन रुकी थी, लेकिन रेलवे ने क्रिकेटर को चिकित्सकीय सहायता देने की जरूरत नहीं समझी।
पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव का कहना है कि रेल मदद पोर्टल पर बताया गया था कि यात्री को सिरदर्द और घबराहट है। इसलिए मथुरा स्टेशन पर चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने को कहा गया था।
छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से टूर्नामेंट खेलने जा रहे थे ग्वालियर
सुपरफास्ट ट्रेन निकालने के लिए रोकी थी छत्तीसगढ़ मथुरा रेलवे स्टेशन को क्रिकेटर विक्रम सिंह की तबीयत खराब होने की जानकारी थी, लेकिन मथुरा स्टेशन से सुपरफास्ट ट्रेनों के लिए ट्रैक क्लियर किए गए। छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस सुपरफास्ट नहीं है। इस कारण इस ट्रेन को आंझई पर प्रतीक्षा करनी पड़ी।