प्रयागराज। सोमवार को सिर्फ काशी एक्सप्रेस में ही बम की सूचना नहीं दी गई थी, बल्कि कामायनी एक्सप्रेस में भी बस की सूचना कंट्रोल रूम पहुंची थी। इससे पूरे रेल महकमे में खलबली मच गई थी। जब कालर की पहचान के लिए नंबर को सर्विलांस पर डाला गया तो पता चला कि बम की दोनों सूचनाएं एक ही मोबाइल नंबर से आई हैं।

सर्विलांस पर फर्जी सूचना देने वोले युवक की लोकेशन यूपी से बाहर मिली है। एसपी जीआरपी प्रशांत वर्मा के निर्देश पर विशेष टीम बनाई गई है, जो युवक की धरपकड़ के लिए रवाना हो गई है। गोरखपुर से कुर्ला की ओर जाने वाली काशी एक्सप्रेस और कामायनी एक्सप्रेस में बम होने की झूठी सूचना जिस अज्ञात शख्स ने दी, कुछ घंटों के लिए वह रहस्य बना रहा। जब कंट्रोल रूम में दोनों नंबरों का मिलान हुआ तो पता चला कि यह किसी एक ही व्यक्ति की करतूत है।

किसी सिरफिरे ने इसे अंजाम दिया या कोई पेशेवर अपराधी है, अभी इसे पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। यह पहली बार नहीं है जब काशी एक्सप्रेस में बम की सूचना दी गई थी, इससे पहले भी दो बार इसी तरह की सूचना के बाद ट्रेन को जंघई में रोक कर जांचा गया था।

क्या है मामला
सोमवार दोपहर 3:03 बजे काशी एक्सप्रेस जंघई स्टेशन पहुंची, तभी कंट्रोल रूम को सूचना मिली कि स्लीपर कोच एस-वन से एस-चार में कहीं बम रखा है। जीआरपी, आरपीएफ और बम निरोधक दस्ते ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। गहन तलाशी के बाद ट्रेन को रवाना किया गया।
इसके बाद उसी कालर ने शाम को कामायनी एक्सप्रेस में बम होने की सूचना दी। ट्रेन जंघई की ओर बढ़ रही थी, जिसे प्लेटफार्म नंबर एक पर रोककर फिर से जांच की गई। बीडीएस ने करीब आधे घंटे तक तलाशी ली, लेकिन कोई आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली, जिसके बाद ट्रेन को आगे के लिए रवाना कर दिया गया।

ऐसे शरारती तत्व जो अफवाह फैलाकर यात्रियों में दहशत पैदा करते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। जीआरपी की टीमें आरोपी को पकड़ने के लिए लगातार काम कर रही हैं।” जांच में तेजी लाने के लिए सर्विलांस का सहारा लिया जा रहा है। -प्रशांत वर्मा, एसपी जीआरपी

"
""
""
""
""
"

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *