लखनऊ। विनायक दामोदर सावरकर पर कथित अपमानजनक टिप्पणी किए जाने के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को कोई भी राहत देने से इन्कार कर दिया है।
न्यायालय ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि खुद को तलब किए जाने के विरुद्ध सत्र अदालत के समक्ष पुनरीक्षण याचिका दाखिल करने का विकल्प राहुल गांधी के पास है, लिहाजा इस न्यायालय के हस्तक्षेप की फिलहाल आवश्यकता नहीं है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने पारित किया। याचिका में राहुल गांधी की ओर से निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें सावरकर पर कथित अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में उन्हें तलब किया गया था। साथ ही राहुल गांधी ने इस मामले में अपने खिलाफ निचली अदालत में चल रही प्रक्रिया को भी चुनौती दी थी।
उनके अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल की दलील थी कि जो आरोप परिवाद में लगाए गए हैं, उनसे धारा 153ए व 505 आइपीसी का मामला नहीं बनता, बावजूद इसके निचली अदालत ने इन धाराओं में याची को तलब कर लिया है।
यह भी कहा गया कि निचली अदालत ने दंड प्रक्रिया संहिता के धारा 196 के प्रविधानों को नजरंदाज करते हुए राहुल गांधी को तलब किया है। हालांकि न्यायालय ने मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी किए बगैर कहा कि याची के पास पुनरीक्षण याचिका दाखिले का विकल्प है।
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