हिन्दु मंदिर में किसी भी प्रकार की वस्तु जैसे कि प्रसाद, फूल,-माला इत्यादि का लेकर आना पूर्णता प्रतिबंधित होना चाहिए-अशोक बालियान,चेयरमैन,पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन


हमने अमेरिका में रहने वाले व् ओवरसीज बीजेपी के अध्यक्ष श्री सुनील अग्रवाल व् से ओवरसीज बीजेपी जुड़े श्री अजय अग्रवाल के साथ हिन्दु मन्दिरों में साफ-सफाई का अध्यन किया है। भारत में अधिकतर हिन्दू मन्दिरों में भोग और प्रसाद को मंदिर में ग्रहण किया जाता है, क्योकि भारत आस्था और विश्वास की भूमि हैं, लेकिन इस व्यवस्था से मन्दिरों में सफाई व्यवस्था प्रभावित होती है।इसलिए हिन्दु मंदिर में किसी भी प्रकार की वस्तु जैसे कि प्रसाद, फूल,-माला इत्यादि का लेकर आना पूर्णता प्रतिबंधित होना चाहिए।
लेकिन मंदिरों में प्रसाद, फूल,-माला इत्यादि प्रसाद लेजाने पर रोक के बाद प्रसाद के व्यवसाय पर बुरा असर पड़ सकता है। जब श्रद्धालु प्रसाद को नहीं खरीदेंगे तो उनका गुजारा कैसे होगा? इससे प्रसाद व्यवसाय में रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
इस समस्या के समाधान के लिए मन्दिर में एक पूजा कक्ष बनाया जा सकता है,जिसमे मन्दिर आने वाले श्रद्धालु प्रसाद, फूल- माला इत्यादि के साथ पुजारी के माध्यम से पूजा कर सकते है।
इस समस्या का दूसरा समाधान यह भी हो सकता है कि राम जन्म भूमि मन्दिर की तरह मंदिर की तरफ से इलायची दाने इत्यादि का प्रसाद ही दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को मिलने की व्यवस्था होनी चाहिए और ये प्रसाद विशेष पैकिंग में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को दिया जाता है।
कुछ मन्दिरों में खुले प्रसाद पर रोक लगा दी गई है। और वहां पैकेट बंद प्रसाद ही मिलते है व् कुछ मन्दिरों में वैष्णो देवी मंदिर की तर्ज पर मंदिर में पंचमेवा प्रसाद की व्यवस्था की गई है। दिल्ली के कालकाजी मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए तीन तरह के पैकेट तैयार किए गए हैं, जिनकी कीमत ₹20 ₹50 और ₹100 तय की गई है।
हम उम्मीद करते है कि हिन्दु मंदिर में किसी भी प्रकार की वस्तु जैसे कि प्रसाद, फूल,-माला इत्यादि का लेकर आना पूर्णता प्रतिबंधित करने पर सरकार व् मन्दिर समिति इस पर विचार करेगी। और वैष्णो देवी मंदिर या राम जन्म भूमि मन्दिर की तर्ज पर मंदिर में प्रसाद की व्यवस्था शुरू करेगी।

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