उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन का मेवाड़ के शासक राणा सांगा को लेकर दिया गया ब्यान गलत है-अशोक बालियान, चेयरमैन,पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन
उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन ने बताकर 22 मार्च 2025 को राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि राणा सांगा ने ही इब्राहिम लोदी को हराने के लिए मेवाड़ के शासक राणा सांगा ने ही बाबर को बुलाया था। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद का यह बयान इतिहास के विपरीत है और उन्हें पुन: इतिहास पढना चाहिए।
भारत में सन 1526 में पानीपत के मैदान में मुगल आक्रांता बाबर और दिल्ली सल्तनत के सुल्तान इब्राहिम लोदी के बीच भीषण युद्ध हुआ था, जिसमें इब्राहिम लोदी की बुरी तरह से पराजय हुई थी। इस युद्ध के नजीते ने आगे चलकर हिंदुस्तान के इतिहास पर बड़ा असर डाला था।
Descriptive, And Historical Account Of The North-western India Vol 4 part 1 Agra Division by Atkinson 1876 के पेज 374-375 के अनुसार सिकंदर लोदी ने सन 1448 में आगरा के आसपास के कुछ क्षेत्र शासन संभाला और आगरा को अपनी सेना का मुख्यालय बनाया और इटावा और चंदवार को अपने भाई अलाउद्दीन (आलम खान) को दे दिया था, जिन्होंने बाबर को भारत आमंत्रित किया था। इब्राहिम लोदी सन 1517 में अपने पिता सिकंदर लोदी के उत्तराधिकारी बने, लेकिन अपने भाई जलाल खान के साथ झगड़े में अपनी शक्ति और प्रभाव खो दिया था।
Annals and Antiquities of Rajast’han, Or, The Centra James and Western Rajpoot States of India vol 1 byTod 1873 see page 252 babar came india बाबर कुरान के अनुयायियों को एकजुट करने और उन्हें अपने विजयी ध्वज के इर्द-गिर्द इकट्ठा करने के लिए एक महत्वपूर्ण समय पर भारत आया था। History of the rise of the Mahomedan power in India,by Muḥammad Qāsim Firišta 1829 see page 50-51 के अनुसार अफगान सूबेदारों ने बाबर को भारत आने के लिए आमंत्रित किया था ।
सन 1508 में मेवाड़ के शासक बने महाराणा सांगा ने अपने जीवन में कुल 100 से अधिक लड़ाइयाँ लड़ीं, लेकिन खानवा के सिवाय किसी में भी उनकी हार नहीं हुई थी। उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन जैसे लोग व् कुछ इतिहासकार कुप्रचार कर रहे हैं कि राणा सांगा ने बाबर को इबराहिम लोदी के विरुद्ध लड़ने के लिये आमंत्रित किया था।