लखनऊ। सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह के चारों साहिबजादों की याद में गुरुवार को वीर बाल दिवस मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री आवास पर एक ओर जहां विशेष आयोजन होगा तो दूसरी ओर परिषदीय विद्यालयों में नशा मुक्त का संकल्प दिलाया जाएगा। आपको बता दें क‍ि छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह को इस्लाम धर्म कबूल न करने पर उन्हें मुगल शासक सरहिंद के नवाब वजीर खान ने दीवार में जिंदा चुनवा दिया था।
उनके त्याग, बलिदान और देश प्रेम के अनूठे बलिदान स्वरूप की शहादत को प्रत्येक बच्चे को अवगत कराने के लिए वीर बाल दिवस 26 दिसंबर को मनाया जाता है। योग ज्योति इंडिया व बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से लाल ब्रिगेड एक्शन ग्रुप के सहयोग से विभिन्न सामाजिक संगठनों की भागीदारी होगी।

1.70 लाख छात्रों को दिलाया जाएगा संकल्‍प

योग गुरु ज्योति बाबा ने कहा कि वीर बाल दिवस पर भारत की गौरवमयी संस्कृति व परंपरा का निर्वहन करने वाले प्रेरक, उत्कृष्ट किरदारों को हमारी किताबों से एक बड़ी साजिश के तहत गायब कर दिया गया। प्रमुख संयोजक डा. प्रवीण ने बताया कि विश्व में पहली बार गुरु गोबिंद सिंह के दोनों छोटे साहिबजादों की शहादत को अविस्मरणीय एवं अनुकरणीय बनाने के लिए एक करोड़ 70 लाख उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों के छात्र-छात्राओं को नशा मुक्‍त संकल्‍प दिलाया जाएगा।

देश काे म‍िलेगा एक बड़ा संदेश

पर‍िषदीय व‍िद्यालयों को अपने स्कूल में एक साथ प्रार्थना के बाद नशा मुक्त संकल्प दिलाया जाएगा। इसके बाद एक महारिकार्ड बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के सहयोग से बनाया जाएगा। जो देश और दुनिया के लिए एक बड़ा संदेश देने का कार्य करेगा। खालसा इंटर कालेज में प्रतियोगिताओं के साथ ही उनकी जीवनी के बारे में विद्यार्थियों को बताया जाएगा।

न‍िकाली जाएगी चारों साहिबजादों की झांकी

इस माैके पर देवेंद्र शुक्ल, गीता पाल, विकास मिश्र, रवि कचरू, अरुण शुक्ला, जस्सी शुक्ल, विक्रम सिंह पाल, शैलेंद्र श्रीवास्तव आशुतोष मिश्रा, सुशील लोधी, कुंदन सैनी, स्नेहलता मिश्रा, डा. आहुति ओझा व मनोज सारस्वत समेत कई समाजसेवी व शिक्षक हिस्सा लेंगे। लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने बताया क‍ि चारों साह‍िबजादों के बलिदान की झांकी गुरुद्वारा नाका हिंडोला में दिखाई जाएगी। यहां स्थापित संग्रहालय बच्चों के लिए खोला जाएगा।

क्‍यों मनाया जाता है वीर बाल दिवस

आपको बता दें क‍ि 26 दिसंबर 1705 को बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत हुई थी। साल 2022 से वीर बाल दिवस को अंतिम सिख गुरु गोबिंद सिंह के चार साहिबजादों के बलिदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है।

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