मुरादाबाद। राम-राम, राम-राम। मम्मी उठो, पापा उठो… सुबह हो चुकी है। सात साल से सुबह सिर्फ एक आवाज। मम्मी पापा की चिंता करने वाले हैरी पिछले सात दिन से लापता है। उसे तलाशने के लिए तोते की मालकिन ने शहर में पोस्टर चिपकाए हैं। बताया कि हैरी को लाने वाले को पांच हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्था दिशा में कलस्टर प्रोग्राम मैनेजर विनीता पिछले दो साल से मुरादाबाद में हैं। उनके साथ उनका तोता हैरी भी रह रहा था। एक सप्ताह पूर्व तोता घर के दरवाजे के पास बैठा था। शाम को जब वह घर पहुंची तो तोता नहीं था। उन्होंने पड़ोस में तलाश किया। इसके बाद भी कुछ पता नहीं चला।
तोते को तलाशने के लिए उन्होंने तोते के पोस्टर चस्पा कर दिए। उसपर अपना नंबर भी लिख दिया है। जिससे तोता जिसे भी दिखे तो वह उन्हें दे दे। विनीता ने बताया कि जब तोता उनके पास आया था, उस समय 15 दिन का था। यह पहाड़ी एलेग्जेंडर ब्रीड का है। बोलना घर से ही सीखा है। इसकी आवाज से ही आंख खुलती थी। अब सुबह आंख खुलती है तो उसे नजरें तलाश करती हैं।
थाने में हुआ फैसला, नाम पुकारते ही बिल्ला चल दिया औरंगजेब की ओर
शामली। उधर, शामली में बुधवार को एक अजीबोगरीब मामला देखने को मिला। दो पक्ष एक बिल्ले पर अपना मालिकाना हक जताते हुए थाने पहुंच गए। थाने पर घंटों दोनों पक्ष बिल्ले पर अपना हक जताते रहे। समाधान नहीं होने पर पुलिस ने उपाय खोजा कि बिल्ला मैक को दोनों पक्ष नाम लेकर बुलाएंगे और वह जिसकी तरफ चल देगा बिल्ला उसी का होगा। और फिर हुआ भी ऐसा। मैक नाम बुलाते ही बिल्ला औरंगजेब की ओर चल पड़ा और सहमति से उसे ही सौंप दिया गया।
शकील की दो पुत्रियां थाने पहुंचीं और तहरीर देकर कहा कि राजस्थान नस्ल का उनका एक बिल्ला गुम हो गया था। आरोप लगाया कि वह यहीं के एक युवक के घर में है। पुलिस ने युवक औरंगजेब को बिल्ला समेत थाने बुलाया। वह बिल्ला लेकर थाने पहुंचा। यू-ट्यूब पर पुराने वीडियो दिखाकर बताया कि बिल्ला उसका है।
युवतियां अड़ गईं कि वह बिल्ला राजस्थान से लेकर आई हैं और काफी दिनों से उनके घर पर था। मामला असमंजस में होने के कारण पुलिस ने बिल्ला की पहचान करने को दोनों पक्षों के सामने उसका नाम पुकारने को कहा। दोनों ओर से एक-एक कर नाम पुकारा गया तो बिल्ला औरंगजेब की तरफ चला गया। इसके बाद भी युवतियां बिल्ले का अपना बताती रहीं। पुलिस कुछ सख्त हुई तो दोनों पक्षों में सहमति बन गई और औरंगजेब बिल्ले को अपने साथ ले गया।
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युवतियां अड़ गईं कि वह बिल्ला राजस्थान से लेकर आई हैं और काफी दिनों से उनके घर पर था। मामला असमंजस में होने के कारण पुलिस ने बिल्ला की पहचान करने को दोनों पक्षों के सामने उसका नाम पुकारने को कहा। दोनों ओर से एक-एक कर नाम पुकारा गया तो बिल्ला औरंगजेब की तरफ चला गया। इसके बाद भी युवतियां बिल्ले का अपना बताती रहीं। पुलिस कुछ सख्त हुई तो दोनों पक्षों में सहमति बन गई और औरंगजेब बिल्ले को अपने साथ ले गया।