कानपुर। शोध छात्रा के यौन शोषण के आरोपित एसीपी मोहसिन खान कानपुर में तैनाती से पहले आगरा में थे। आगरा में भी उनका कार्यकाल काफी विवादित रहा था। वहां भी उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे। कानपुर में भी जुआरियों और सटोरियों से संबंधों को लेकर उन पर लंबे समय से सवाल उठ रहे थे, मगर राजपत्रित अधिकारी होने की वजह से कभी आरोपों को उतनी गंभीरता से नहीं लिया गया।
मोहसिन खान कानपुर आने से पहले आगरा में सीओ ताज सुरक्षा के पद पर तैनात थे। उस दौरान उनकी शिकायतें तत्कालीन एसएसपी आगरा से की गई थीं। सीओ ताज रहने के दौरान मोहसिन की जिम्मेदारी ताजमहल का दीदार करने आए विदेशी पर्यटकों को खरीदारी, घुमाने और उनकी सुरक्षा की थी।
आरोप था कि मोहसिन ने स्थानीय दुकानदारों से कमीशन तय कर रखा था और विदेशी पर्यटकों को तय दुकानों से खरीदारी करा उनसे कमीशन वसूलते थे। एक बार एक दुकानदार से कमीशन को लेकर विवाद हुआ तो यह बात सार्वजनिक हुई। इसके बाद इन्हें सीओ ताज से हटा दिया गया था। हालांकि, कानपुर में भी मोहसिन कम विवादित नहीं रहे। कलक्टरगंज और क्राइम ब्रांच में सटोरियों और जुआरियों से मिलीभगत के आरोप उन पर लगे रहे थे। उच्चाधिकारी होने की वजह से मातहत उनके खिलाफ खुलकर बोल नहीं पा रहे थे। थानेदारों पर दबाव बनाकर अपराधियों को छुड़वाने के आरोप भी थे।

पीड़िता से गोपनीय नंबर से करते थे बात

अब तक हुई जांच में सामने आया है कि मोहसिन खान पीड़िता से अपने सीयूजी या निजी नंबर से बात नहीं करते थे। इसके लिए उन्होंने एक गोपनीय नंबर लिया था। उसी नंबर से वह उससे बात करते थे। यहां तक कि वह छात्रा के पास जाने के दौरान अपने दोनों नंबर बाहर रखकर ही जाते थे।

कौन हैं एसीपी मोहसिन खान?

लखनऊ के रहने वाले मोहसिन खान वर्ष 2015 बैच के पीपीएस अधिकारी हैं। वह एसीपी क्राइम का भी पदभार संभाल रहे थे। जुलाई 2024 में उन्होंने विभागीय अनुमति लेकर शहर के एक शिक्षण संस्थान से साइबर क्राइम, इन्वेस्टिगेशन एंड क्रिमिनोलॉजी विषय पर पीएचडी शुरू की थी।

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