अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पढ़ रहे बांग्लादेशी छात्रों ने सोशल  मीडिया पर पोस्ट डालकर इस्कॉन को चरमपंथी संस्था बताया है। यही नहीं भारतीय महिलाओं को लेकर भी अमर्यादित टिप्पणी की। इसका एएमयू के हिंदू छात्रों ने विरोध करते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन से आरोपित तीन छात्रों को निलंबित करने और बाकी को बांग्लादेश भेजने की मांग की है। एएमयू में बांग्लादेश के 36 छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के बाद उनके वापस भेजने की मांग चली आ रही है।
एएमयू के छात्र अखिल कौशल, हितेश मेवाड़ा, पुनीत, पियूष, रोहित व अन्य हिंदू छात्रों ने मंगलवार की रात प्राक्टर से लिखित में इसकी शिकायत की। छात्रों ने कहा है कि एक बांग्लादेशी छात्र सोशल मीडिया पर इस्कान को एक चरमपंथी संस्था बता रहा है। प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहा है। दो अन्य बांग्लादेशी छात्रों ने इंटरनेट मीडिया पर भारतीय महिलाओं के बारे में अमर्यादित व अश्लील टिप्पणी की हैं।
एक बांग्लादेशी छात्र ने लिखा की उत्तर प्रदेश मैं फिर से गाय का गोबर खाने का ट्रेंड चल गया है। इन जैसे लोगो से हमारी बांग्लादेशी यूनुस सरकार को कोई बात नही करनी चाइए। ये तीनों छात्र बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के लिए जिम्मेदार है। क्योंकि वहां के लोगों के समर्थन में लिखते रहते हैं। छात्र नेता अखिल कौशल ने बताया कि प्राक्टर ने भरोसा दिलाया है कि अधिकारियों से बात कर इसकी जांच की कराई जाएगी। जो दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी।
छात्र नेता ने कहा कि अगर इन पर कार्रवाई नहीं नही होती है तो हम इन्हें बाहर खदेड़ें देंगे। यह भी मांग रखी की सारे विदेश छात्रों की जांच करी जाए। उनके सोशल मीडिया एकाउंट्स पर नजर रखी जाए। जांच की जाए कि भारत विरोधी पोस्ट तो नही की जा रही। छात्रों ने विरोध स्वरूप बांग्लादेश के राष्ट्रपति का पोस्टर जलाया। भारत का झंडा लहरा कर भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाए। डिप्टी प्राक्टर प्रो. एस नवाज जैदी ने बताया कि बांग्लादेशी छात्रों पर आरोप लगे हैं उनकी जांच कराई जाएगी। इसके बाद ही आगे कुछ कहा जा सकेगा।

पहले से चल रही बाहर भेजने की मांग, संयुक्त को लिखा पत्र

एएमयू में पढ़ रहे बांग्लादेशी छात्रों को बाहर भेजने की मांग दारा शिकोह फाउंडेशन के अध्यक्ष मोहम्मद आमिर रशीद शुरु से ही कर रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को पत्र भी लिखा है। जिसमें बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के मानव अधिकारों की रक्षा की मांग की है। कहा है कि सत्ता परिवर्तन बाद से ही बांग्लादेशी सरकार अपने अल्पसंख्यक हिंदुओं को उनके धार्मिक अधिकार भी सुरक्षित करने में पूर्णतया नाकाम रही है।

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