सड़क मार्ग से देहरादून से मसूरी की दूरी 33 किमी है, जबकि रोप-वे से यह दूरी 5.5 किमी की हो रही है। रोप-वे में आटोमैटिक यात्री ट्रालियां लगाई जाएंगी, जिनके दरवाजे स्वचलित होंगे। इन ट्रालियों के माध्यम से एक घंटे में एक ओर से करीब 1300 यात्री पहुंच सकेंगे।
लोअर टर्मिनल एवं पार्किंग का फाउंडेशन लगभग तैयार
देहरादून से सटे पुरकुल गांव में रोप-वे के लोअर टर्मिनल एवं पार्किंग का फाउंडेशन लगभग तैयार हो चुका है। तीसरे तल पर पार्किंग का कार्य निर्माणाधीन है, जबकि गांधी चौक मसूरी में बन रहे अपर टर्मिनल के लिए एप्रोच सड़क का कार्य प्रगति पर है। इसके बाद वहां अपर टर्मिनल का फाउंडेशन का कार्य शुरू होगा।
- उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड ने इस साल की शुरुआत में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड के अंतर्गत मसूरी स्काइवार कंपनी के माध्यम से 300 करोड़ रुपये की लागत से देहरादून-मसूरी रोप-वे का शुभारंभ किया था।
- रो प-वे का एक छोर पुरकुल गांव में बनाया जा रहा है, जबकि दूसरा मसूरी के गांधी चौक में बन रहा है।
- पुरकुल में पर्यटकों को वाहन खड़ा करने के लिए 10 मंजिला मल्टीलेवल पार्किंग बनाई जा रही है।
- पार्किंग में करीब दो हजार से अधिक वाहनों को खड़ा करने की क्षमता होगी।
- साथ ही यहां पर्यटकों को रिफ्रेशमेंट के लिए कैफेटेरिया, शौचालय आदि की सुविधा मिलेगी।
- पर्यटन विभाग का दावा है कि वर्ष 2026 तक रोप-वे का निर्माण पूर्ण हो जाएगा।
खूबसूरत नजारों के बीच होगा सफर, जाम से मिलेगी मुक्ति
रोप-वे के माध्यम से मसूरी का सफर पर्यटकों के लिए अत्यधिक रोमांच और खूबसूरत नजारों से भरा होगा। पहाड़ों के बीच से गुजर कर पर्यटक सीधे मसूरी की माल रोड में दस्तक देंगे। इससे पर्यटक सीजन में देहरादून की मसूरी और मसूरी नगर में लगने वाले जाम में भी अंकुश लगेगा।
पर्यटन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पर्यटन सीजन में रोजाना 10 हजार से अधिक पर्यटक मसूरी पहुंचते हैं। ऐसे में मसूरी में यातायात बाधित हो जाता है और वाहन पार्किंग की भी समस्या होती है।
पर्यटन विभाग के राजस्व को इजाफा, चमकेगा पुरकुल
दून-मसूरी रोप-वे से पर्यटन विभाग के राजस्व में अच्छा-खासा इजाफा होगा। साथ ही पुरकुल गांव में दिनभर वाहनों और पर्यटकों की चहल-पहल रहेगी। जिससे स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। वहीं, पर्यटकों को प्रदूषण मुक्त सफर कर सकेंगे।
यह रोप-वे बर्फबारी और बारिश के बीच सभी सीजन में निरंतर संचालित हो सकेगी। ऐसे में बारिश के दौरान भूस्खलन और मलबा आने से मसूरी रूट बंद होने का असर पर्यटकों पर नहीं पड़ेगा। इस दौरान भी पर्यटक रोप-वे के माध्यम से सटीक समय में मसूरी पहुंचेंगे।