पुलिस को दी शिकायत में मृतका सलामती की इकलौती बेटी बिनोद ने बताया कि उसकी शादी डिकाडला गांव में हुई है, वह हाल में समालखा में रहती है। उसकी मां सलामती गांव पलडी में अकेली रहती थी।
वृद्धा का जल चुका था आधा शरीर
वह करियाना की दुकान चलाकर अपना पालन पोषण करती थी। दो दिसंबर की सुबह सात बजे चचेरे भाई ने फिरोज ने काल कर बताया कि ताई की मौत हो गई है, आप तुरंत घर आ जाओ।
शिकायत के अनुसार वह मायके लौटी तो कमरे में आग लगने के कारण उसकी मां का आधा शरीर जल हुआ था। उसके चारपाई व कपड़े भी जल चुके थे। मां का शव जमीन पर पड़ा था। जमीन पर काफी खून बिखरा हुआ था।
17 बच्चों की मां थी सलामती, 16 की हो चुकी मौत
मृतका सलामती ने 17 बच्चों को जन्म दिया था। इसमें से 16 की मौत हो गई थी, केवल एक ही बेटी बिनोद जीवित है, जो शादीशुदा है। पति फागू की 15 वर्ष पहले मौत हो गई थी। तब से ही वह मकान में अकेली रहती थी।
ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में निकलवाया गया शव
इसराना थाना प्रभारी विनोद पांचाल बुधवार सुबह अपनी टीम व डयूटी मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार अस्तित्व पराशर के साथ गांव पहुंचे। मौके एफएसएल टीम को मौके पर बुलाया गया। कब्र से सलामती के शव को बाहर निकाला।
यह जताई थी आशंका
बिनोद ने बताया कि उसकी मां को बीड़ी पीने की आदत थी और दिल की मरीज थी। इस वजह उसे आशंका हुई कि बीड़ी कपडों से गिरने की वजह से कपड़ो में आग लगी होगी और मां की मौत हुई होगी।
मां की बालियां, फोन व पर्स में रखे पैसे गायब मिले। उन्हें लगा कि मां ने बाली व फोन इधर-उधर रख दिए होंगे। इसलिए सामान्य मौत समझ मां के शव को दफना दिया।