मिर्जापुर। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल अपना दल एस के कार्यकर्ता अजय पटेल और उनकी पत्नी को मारपीट कर घायल करने के मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने पर मंगलवार की शाम मंडलीय चिकित्सालय के सर्जिकल वार्ड में आग बबूला हो गई।
उन्होंने अपर पुलिस अधीक्षक नगर नितेश सिंह, सीओ नगर विवेक जावला को कड़ी फटकार लगाई। कहा कि इतनी बड़ी घटना हो गई और अभी तक किसी के खिलाफ मुकदमा तक दर्ज नहीं किया गया। यह पुलिस की घोर लापरवाही है। उन्होंने मंडलीय चिकित्सालय के सीएमएस डा. एसके श्रीवास्तव को भी फटकार लगाई। कहा कि घटना के बीते 24 घंटे होनेे को है न मेडिकल न इलाज न ही मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई हुई। गजब हालत है जनपद के पुलिस व मंडलीय चिकित्सालय का। उन्हीं की लापरवाही से मरीज की मौत हो जाती है। जबकि सरकार जीरो टालरेंस पर काम कर रही है। सरकार की इस मंशा पर अधिकारी अपनी कार्यशैली से पतीला लगाने का काम कर रहे हैं।
कहा कि मनबढ़ों का इतना हौसला बुलंंद है कि वह किसी की बेटी को उठाने तक की धमकी दे रहे हैं और पुलिस शांत बैठी है। उन्होंने पुलिस को दो घंटे यानी छह बजे तक कार्रवाई के लिए समय दिया। चेतावनी दी कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो मामला मुख्यमंत्री तक जाएगा। केंद्रीय के इस चेतावनी के बाद पुलिस ने घायल की तहरीर पर सात आरोपिताें विष्णु सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, वैभव सिंह, विनय सिंह, विक्रम सिंह, रोहित सिंह व राजाराम सिंह के विरुद्ध अपहरण, जानलेवा हमला, मारपीट, सहित अन्य आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया।
केंद्रीय मंत्री के कड़े तेवर देखकर अधिकारियों के पसीने छूट गए। उन्होंने कहा कि 24 घंटे बाद भी काेई कार्रवाई नहीं होना शर्म की बात है। एक ओर सरकार जीरो टलरेंस पर काम कर रही है वहीं विंध्याचल की पुलिस इस तरह का कार्य कर रही है। कहा कि जब अधिकारी लापरवाह हो गए हैं। हर मामले काे हल्के में ले रहे हैं। यही कारण है कि न्याय नहीं मिल पा रहा है। अधिकारी भी चुप्पी साधे रहे।
विंध्याचल थाने के कोतवाल सीपी पांडेय की इस लापरवाही के कारण वह जवाब तक नहीं दे पा रहे थे। तहरीर में बताया गया कि विंध्याचल के कुरौठी गांव के रहने वाले एवं अपना दल एस के 45 वर्षीय कार्यकर्ता अजय पटेल के घर में सोमवार की रात करीब नौ बजे कुछ लोग शराब पीने की जिद कर रहे थे। मना करने पर आरोपित विवाद करने लगे।
आरोप है कि मामला बढ़ने पर आरोपित 10, 12 की संख्या में आए और घर में घुसकर लाठी व राड से अजय पटेल को मारने पीटने लगे। बीच बचाव करने पहुंची उनकी पत्नी बिंदु देवी को भी मारकर घायल कर दिया। यही नहीं मनबढ़ों ने थाने में शिकायत करने पर लड़की को उठा ले जाने की धमकी दे डाली। हद तो तब हो गई जब घटना के 24 घंटे बाद ही पीड़ित की तहरीर पर विंध्याचल पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। यह सुन अनुप्रिया पटेल अधिकारियों की बखियां उधेड़ने अस्पताल पहुंच गईं।

विंध्याचल एसएचओ को हेरोइन बेचवाने से फुरसत मिलेगी तब तो होगी कार्रवाई 

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने विंध्याचल थाना प्रभारी पर बड़ा आरोप लगाया। कहा कि विंध्याचल थानेदार को विंध्याचल में ड्रग्स बेचवाने से फुरसत मिलेगी तब तो वह दूसरे कामों पर ध्यान देंगे। वहां कोई आदमी मार दिया जाए। किसी को लूट लिया जाए। किसी की बटिया उठी ली जाए। कुछ भी हो जाए, लेकिन विंध्याचल पुलिस को इससे कोई मतलब नहीं है।
उनका कहने का मतलब था कि विंध्याचल में खुलेआम हेरोइन की बिक्री की जाती है। इसमें पुलिस की मिलीभगत से होती है। यही कारण है कि वहां पर मादक पदार्थ की ब्रिक्री पर लगाम नहीं लग पा रहा है। केंद्रीय मंत्री के इस बयान से लगा कि उनको विंध्याचल क्षेत्र में हो रहे काले कारनामे की पूरी जानकारी है। तभी तो उन्होंने अस्पताल में अपने कार्यकर्ता को देखने के दौरान विंध्याचल क्षेत्र के काले कारनामे व थाने समेत पुलिस की कलई खोलकर रख दी।

मिर्जापुर में किस माई के लाल में हिम्मत है कि किसी बहन-बेटी को उठा ले जाए

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मंडलीय चिकित्सालय में अपने घायल कार्यकर्ता अजय पटेल के देखने के दौरान आक्रोशित नजर आए। उनके कड़े तेवर के चलते पुलिस व अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मचा रहा। जब कार्यकर्ताओं ने कहा कि आरोपित लड़की को उठाने की धमकी दे रहे तो केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार क्या कहती है। महिलाओं की सुरक्षा पहले होनी चाहिए। जीरो टालरेंस के तहत कार्रवाई की जानी है। मीरजापुर में किस माई के लाल में इतनी हिम्मत हो गई कि वह किसी बहन बेटी को उठा ले जाए।

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