ओम प्रकाश रघुवंशी ने बताया कि उनके पास हाथीपांव मसूरी में 110 एकड़ जमीन है, जिसका इकरारनामा उसने सहस्वामियों से वर्ष 2017 में करा रखा है। ओम प्रकाश के साथी संजय गरोला ने जमीन का एग्रीमेंट दिखाया।
जमीन दिखाने के ले गए आरोपित
ओमप्रकाश रघुवंशी व उसके साथी संजय गरोला, आलोक सिंह व अन्य कंपनी के निदेशक को अप्रैल 2019 में अपने साथ लेकर जमीन दिखाने ले गए और जमीन का सौदा किया। इस दौरान अनीता रानी, अंकित मोहन अग्रवाल, श्रेय मोहन एवं कबीर मोहन अग्रवाल को जमीन का स्वामी बताया और जमीन के स्वामित्व संबंधी रिकॉर्ड भी दिखाए। इसके बाद वह लोग निदेशक मनोज सिंह को डालनवाला स्थित अपने कार्यालय ले गए, जहां जमीन का सौदा किया गया।
सात करोड़ में तय हुआ था सौदा
शिकायतकर्ता न बताया कि दोनों पक्षों में जमीन का सौदा सात करोड़ रुपये में तय हुआ, जहां आरोपितों ने एक करोड़ रुपये बयाना के तौर पर लिया। इसके बाद आरोपितों ने जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर दे दिए। जब आरोपितों से जमीन की रजिस्ट्री करने को कहा गया तो वह टाल-मटोल करने लगे।
पहले ही बिक चुकी थी जमीन
जमीन के बारे में गहनता जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि आरोपितों के पूर्वज जमीन को पहले ही बेच चुके हैं और बकाया भूमि जमीन टूरिज्म विभाग के पास चली गई। इसके बाद जब आरोपितों से धनराशि वापस मांगी गई तो उन्हें 20 लाख रुपये ही वापस किए और रुपये मांगने पर धमकी दी।
इस मामले में डालनवाला कोतवाली पुलिस ने ओमप्रकाश रघुवंशी, संजय गैराला दोनों निवासी इंद्र रोड डालनवाला, अनीता रानी, अंकित मोहन, श्रेय मोहन तीनों निवासी एमडीडीए कॉलोनी निरंजनपुर, आलोक सिंह निवासी सहस्त्रधारा रोड, कबीर मोहन निवासी एसएस नगर मोहाली पंजाब व नितिश मोहन कुलड़ी मसूरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।