मुरादाबाद। कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव को लेकर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हाजी रिजवान, उनके बेटे और 15-20 कार्यकर्ताओं के खिलाफ मूंढापांडे थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। दो दिन पूर्व उपनिरीक्षक के साथ नोकझोंक का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। पुलिस की कार्रवाई से समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में खलबली मच गई है।
आरोप लगाया सरकारी कार्य में बाधा डालने, सड़क जाम करने, उपनिरीक्षक नरेंद्र शर्मा से गाली गलौज करने, जान से मारने की धमकी देने समेत सरकार को बदनाम करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। सपा उम्मीदवार अपने किसी कार्यकर्ता को छुड़ाने के लिए थाने में पहुंचे थे।

जियाउर्रहमान बने हैं सांसद

समाजवादी पार्टी के कुंदरकी से विधायक रहे जियाउर्रहमान के संभल लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने जाने के बाद से सीट रिक्त हुई थी।

2022 की बात भुलाकर हाजी रिजवान को लगाया गले

वेट एंड वॉच की नीति पर चल रही सपा ने पूर्व विधायक हाजी रिजवान को मैदान में उतारा है। हालांकि, 2022 के चुनाव में हाजी रिजवान ने पार्टी से बगावत कर बसपा से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्होंने लोकसभा चुनाव में घर वापसी कर ली थी। संभल से लोकसभा प्रत्याशी जियाउर्रहमान बर्क कुंदरकी से रिकॉर्ड मतों से जीते थे। लिहाजा पार्टी नेतृत्व ने हाजी रिजवान पर फिर भरोसा जताया है। कुंदरकी से 2022 में जीते जियाउर्रहमान के संभल से सांसद बनने के बाद यह सीट रिक्त होने के बाद उपचुनाव हो रहा है।

तीन बार विधायक रह चुके हैं हाजी रिजवान

हाजी रिजवान के साथ ही सपा में कई अन्य दावेदार भी थे। खुद सांसद के परिवार से भी दावेदारी की जा रही थी। इसके अलावा प्रबल दावेदारों में मुरादाबाद के पूर्व सांसद डा. एसटी हसन भी शामिल थे। यहां तक जिलाध्यक्ष भी बिना शोर मचाए टिकट के लिए दावेदारी कर रहे थे। पिछले चुनाव में हाजी रिजवान के पार्टी छोड़कर जाने का मुद्दा भी दावेदार जोरशोर से उछाल रहे थे। इसके बावजूद रिजवान पार्टी मुखिया अखिलेश यादव का भरोसा जीतने में कामयाब रहे। हाजी रिजवान इससे पहले तीन बार सपा से विधायक रह चुके हैं।

बताया जाता है कि अखिलेश यादव ने हाजी रिजवान को पूर्व में ही ल़ड़ने के लिए हरी झंडी दे दी थी। लेकिन, इसकी सार्वजनिक घोषणा नहीं की गई थी। पार्टी के अन्य दावेदारों को लखनऊ बुलाकर बात की थी। उनमें आम सहमति बनाई गई थी। क्योंकि कुंदरकी सीट सपा की परंपरागत सीट रही है। लिहाजा पार्टी नेतृत्व कोई जोखिम उठाना नहीं चाहता है।

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