वाराणसी। भेलूपुर थाना क्षेत्र के जलकल कार्यालय के पास गत बुधवार को दोपहर में निर्माणाधीन होटल के बेसमेंट के लिए पिलर की खोदाई करते समय मिट्टी में दबने से दो मजदूरों की मौत होने पर शुक्रवार को खनन विभाग की निद्रा टूटी। खनन विभाग की टीम स्थलीय निरीक्षण करने के साथ जांच में जुट गई है।
विकास प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराने के साथ उन्होंने मिट्टी खनन की अनापत्ति प्रमाणपत्र लिया है या नहीं। अपर जिलाधिकारी खनन प्रभारी वंदिता श्रीवास्तव ने जिला खनन अधिकारी से रिपोर्ट मांगने के साथ कार्रवाई से अवगत कराने को कहा है।
घटना के तीसरे दिन शुक्रवार कोई काम नहीं हुआ, यह जरूर था कि भवन स्वामी की ओर से उसे ग्रीन मैट से घेर दिया गया है। गंभीर रूप से घायल तीसरे मजदूर का उपचार मेटिस द मेडिसिटी हास्पिटल में चल रहा है।
बेसमेंट के पिलर की खोदाई करते समय अचानक मिट्टी और ईंट भर भराकर गिरने से उसके नीचे काम कर रहे 22 वर्षीय मजदूर बबलू कुमार, उसके 45 वर्षीय पिता मुन्नालाल और 26 वर्षीय प्रकाश दब गए। मौके पर बबलू की मौत हो गई और मुन्नालाल और प्रकाश गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
अन्य साथियों को भी सिर, पैर और हाथ में चोटें आई है। रामनगर टेंगरा मोड़ के ठेकेदार अरुण कुमार तिवारी बबलू के शव और दोनों घायलों को लेकर अलीनगर स्थित मेटिस द मेडिसिटी हास्पिटल लेकर चले गए, जहां चिकित्सकों ने बबलू को मृत घोषित कर दिया। रात में प्रकाश की भी मौत हो गई।
वहीं, मुन्नालाल की हालत चिंता जनक बनी हुई है। दो साथियों की मौत होने के साथ अन्य साथी सहम गए। डर के बारे तीसरे दिन भी मजदूरों ने काम नहीं किया, कुछ मजदूर तो काम छोड़कर चले गए। शुक्रवार के खनन विभाग की पहुंची टीम को कोई मजदूर नहीं मिला। और न ही मौके पर मालिक, बिल्डर और ठेकेदार मिले।
ऐसे में खनन विभाग की टीम ने स्थलीय निरीक्षण कर आसपास पूछने के साथ निकल गई। टीम विकास प्राधिकरण से मालूम करेगी कि किसके नाम से नक्शा पास है जिससे उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
लापरवाही के चलते हुआ हादसा
वाराणसी विकास प्राधिकरण के सचिव डा. वेद प्रकाश मिश्रा का कहना है कि मानचित्र स्वीकृत होने के साथ मालिक को सुरक्षा को ध्यान में रखकर निर्माण कराना चाहिए लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। मालिक की लापरवाही के चलते घटना हुई है। ऐसे में उन्हें नोटिस जारी की जाएगी। जवाब स्पष्ट नहीं देने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सवालों में भेलूपुर पुलिस
घटना होने के साथ भेलूपुर पुलिस मौके पर पहुंच गई। ठेकेदार अरुण तिवारी एक शव और दो गंभीर रूप से घायल मजूदरों को लेकर चंदौली चला गया। हालांकि, अस्पताल संचालक अपने यहां मजदूर को मृत होने की बात कर रहा है। यह जांच का विषय है।
अन्य घायल आठ मजूदरों को लेकर भेलूपुर पुलिस थाने ले गई, यहां मजदूरों से तहरीर भी लिया और कार्रवाई करने का भरोसा दिलाता रहा लेकिन अचानक पुलिस ने कार्रवाई को लेकर हाथ खड़ा कर दिया। ऐसे में अब भेलूपुर पुलिस पर भी सवाल उठने लगे हैं। हादसे में दो मौत होने के बाद भी पुलिस शांत क्यों है।
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