उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी का यह बयान उचित है कि किसी सम्प्रदाय या मजहब के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी अस्वीकार्य है, लेकिन विरोध के नाम पर अराजकता भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी–अशोक बालियान, चेयरमैन,पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन
बहराइच के बाद जनपद मुज़फ़्फ़रनगर के बुढ़ाना क़स्बे में दो दिन पहले सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी से नाराज मुस्लिम समाज के हजारों लोगों ने रात को सड़क पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया था, जबकि पुलिस ने धार्मिक टिप्पणी करने के आरोपी को घटना का पता चलते ही गिरफ्तार कर लिया था।
बुढ़ाना कस्बे में घटना की रात को 10 बजे अफवाह फैलाई गई थी कि पुलिस ने आरोपी को छोड़ दिया है, इसके बाद पुन: हज़ारों लोग दोबारा क़स्बे की एक पुलिया पर पहुंच गए थे और मुज़फ़्फ़रनगर-बड़ौत मार्ग पर जाम लगा दिया था। इसके बाद भीड़ ने आरोपी की दुकान पर पथराव कर तोड़-फोड़ की थी।इस हंगामे के दौरान पुलिस के साथ भी धक्का-मुक्की हुई थी। पुलिस ने इस घटना पर तीन केस दर्ज किए है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान ने कल बुढाना पहुचकर कहा है कि जिन लोगों ने बुढाना कोतवाली क्षेत्र की सड़कों पर उत्पात किया, भय का माहौल बनाने का प्रयास किया, उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए। यह बात समझ से परे है कि जब पुलिस कार्यवाही कर रही थी, तो फिर भीड़ बुलाकर माहौल क्यों बिगाडा गया हैं।
हाल में ही देशभर में गणपति विसर्जन का उल्लास हर साल की तरह इस बार भी हर्षोल्लास से मनाया जा रहा था, लेकिन देश के कई हिस्सों में गणपति विसर्जन के दौरान मुस्लिम बहुल इलाकों से पथराव, मारपीट और हिंसा की घटनाएं सामने आईं है।
इस्लाम में कट्टर पंथियों ने हिंसा को संस्थागत रूप देकर मजहब के आलोचनात्मक मूल्यांकन को रोक दिया है। भारत में इस हिंसा का उपयोग आलोचकों में डर पैदा करने और सरकार पर दबाव बनाने के लिए भी किया जा रहा है।इस्लामी सिद्धांतों के सार्वजनिक बहस के किसी भी प्रयास को दबाने और भारत की सहस्राब्दी पुरानी बहुलतावादी संस्कृति को दबाने के लिए हिंसा को वीटो के रूप में इस्तेमाल करने के कौशल में महारत हासिल कर ली है।
भारत के अधिकांश इतिहास में हिंदुओं और इस्लामिक हमलावरों के बीच संघर्ष जारी रहा, क्योंकि विदेशी इस्लामिक शासकों ने हिंदुओं का नरसंहार किया था, उनका जबरन धर्मांतरण किया था व् उनके पूजा स्थलों को ध्वस्त किया था। भारत की स्वतंत्रता के वर्षों पहले द्वि-राष्ट्र सिद्धांत देने वाली मुस्लिम लीग ने कट्टरपंथी मुसलमानों को शरिया द्वारा शासित एक इस्लामी देश का वादा करके संगठित किया था।
इस्लामिक कट्टरता के आलावा इस्लामी धर्मशास्त्र, शरिया कानून और मुस्लिम समाज में वर्तमान प्रथाओं के विभिन्न बुनियादी सिद्धांतों के बारे में गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। सोमालिया में जन्मी डच-अमेरिकी लेखक अयान हिरसी अली अपनी पुस्तक ‘हेरिटिक: व्हाई इस्लाम नीड्स रिफॉर्म नाउ’ में कहती हैं कि इस्लाम और मुस्लिम समाज का सुधार समय की आवश्यकता है।
इस्लामिक लेखक इब्न वर्राक़(Ibn Warraq) की पुस्तक ‘Why I am not a Muslim’ by Ibn Warraq के अनुसार इस्लामी सिद्धांत अलग-अलग अधिकारों और धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देशों की स्वतंत्रता के साथ मेल नहीं खाता है।इसीलिए दुनिया में हिंसक संघर्ष हो रहे है।
भारत के मुसलमान मूलत: हिन्दू हैं। इनमें से कुछ लोग इसलिए कट्टर हो गए हैं क्योंकि वे दुनिया कट्टरपंथियों के साथ सम्पर्क में हैं, जबकि भारत का वास्तविक मुसलमान स्वभाव से हिन्दू होने के कारण आज भी शांति चाहता है।
उत्तर प्रदेश में त्योहारों के दृष्टिगत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि किसी भी जाति, मत, सम्प्रदाय या मजहब से जुड़े हुए ईष्ट देवी-देवता व महापुरुषों के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी अस्वीकार्य है।लेकिन सीएम ने यह भी कहा कि विरोध के नाम पर अराजकता भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
हम उम्मीद करते है कि बुढाना में जिन लोगों ने बुढाना कोतवाली क्षेत्र की सड़कों पर उत्पात किया, भय का माहौल बनाने का प्रयास किया, उनके खिलाफ भी सख्त एक्शन लिया जायेगा। पुलिस ने धार्मिक टिप्पणी करने के आरोपी को घटना का पता चलते ही गिरफ्तार कर लिया था।

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