केंद्र की मोदी सरकार का सोयाबीन और कपास उत्पादक किसानों को सहायता देना व् आलू, प्याज और टमाटर जैसी फसलों के लिए मॉडल दर निर्धारित करना किसान हित का बड़ा निर्णय है- अशोक बालियान, चेयरमैन,पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन
पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन अशोक बालियान ने देश के किसान नेताओं के साथ केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से 24 सितम्बर 2024 को किसानों की समस्याओं पर वार्ता की थी। हमने अपनी वार्ता में सोयाबीन और कपास उत्पादकों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलने, न्यूनतम समर्थन मूल्य को रिजव प्राइस बनाना, खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढाने, भावांतर भुगतान योजना को बेहतर तरीके से लागू करने व् आलू, प्याज और टमाटर जैसी फसलों के लिए मॉडल दर निर्धारित करने जैसे विषय भी रखे थे। इस वार्ता में कृषि मंत्री ने कहा था कि आपकी मांगों पर सकारात्मक विचार किया जाएगा।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार ने सोयाबीन और कपास उत्पादकों को उनकी उपज का बाजार में न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम मूल्य मिला है, इसलिए केंद्र सरकार ने सोयाबीन और कपास उत्पादकों के बैंक खातों में अतिरिक्त 5,000 हेक्टेयर राशि डालने का निर्णय लिया है। तथा खरीद के दौरान सोयाबीन में नमी की मात्रा भी 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दी गई है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा है कि मलेशिया और इंडोनेशिया से खाद्य तेलों पर आयात शुल्क को भी प्रभावी रूप से बढ़ाकर 27.5 प्रतिशत कर दिया गया है, ताकि भारत के बाजारों में तेल मिलें किसानों से सोयाबीन खरीद कर उन्हें उचित मूल्य दे सके।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भावांतर भुगतान योजना के बारे में बताते हुए कहा है कि भावांतर भुगतान योजना एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसमें सरकार किसानों को एमएसपी और जिस दर पर वे अपनी फसल बेचते हैं, उसके बीच के अंतर की भरपाई करती है, जो कि अपेक्षाकृत अधिक है। तथा यह सरकार पर निर्भर करता है कि वह सीधे आपूर्ति खरीदना चाहती है या एमएसपी का उपयोग करके किसानों के खाते में पैसा जमा करना चाहती है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने आलू, प्याज और टमाटर जैसी फसलों के लिए मॉडल दर निर्धारित करने के बारे में बोलते हुए कहा है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) आलू, प्याज और टमाटर जैसी फसलों के लिए मॉडल दर निर्धारित करेगा और उत्पादन लागत पर 50 प्रतिशत लाभ देगा। इससे किसानों को खुदरा लागत कम होने पर नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। कृषि मंत्री ने इस सम्बन्ध में यह भी कहा है कि केंद्र सरकार इन फसलों के लिए परिवहन लागत का बोझ उठाएगी, जो किसान चुकाते है।
केंद्र की मोदी सरकार का सोयाबीन और कपास उत्पादक किसानों को सहायता देना व् आलू, प्याज और टमाटर जैसी फसलों के लिए मॉडल दर निर्धारित करना किसान हित का बड़ा निर्णय है। पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन केंद्र सरकार के इस निर्णय की सराहना करती है और केंद्र की मोदी सरकार व् केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को इसके लिए धन्यवाद देती है।

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