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माध्यमिक शिक्षा विभाग के कर्मचारी दुर्गेश कुमार गौड़ को प्लॉट की रजिस्ट्री के नाम पर 20 लाख रुपये का धोखा दिया गया। आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों से रजिस्ट्री कराई और रकम लौटाने से इनकार किया। पुलिस ने…
माध्यमिक शिक्षा विभाग में तैनात कर्मचारी को प्लाट की रजिस्ट्री करने के नाम पर धोखा किया गया। फर्जी दस्तावेज से जमीन की रजिस्ट्री प्रेमनगर थाना क्षेत्र में कराई। फर्जीवाड़ा खुलने पर आरोपियों ने बीस लाख रुपये नहीं लौटाए। पीड़ित की एसएसपी कार्यालय में दी गई तहरीर पर प्रेमनगर थाना पुलिस ने दो आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। दुर्गेश कुमार गौड़ निवासी राजकीय इंटर कॉलेज मथलउ जौनपुर, टिहरी ने एसएसपी को शिकायत दी। कहा कि उन्होंने वर्ष 2011 में प्रदीप जुयाल से भगवानपुर, देहरादून स्थित एक प्लॉट खरीदा था। रजिस्ट्री के बाद पता चला कि मौके पर प्लॉट का आकार सात बिस्वा की बजाय केवल पांच बिस्वा था। प्रदीप जुयाल ने कहा कि वह दूसरा प्लॉट दिलवा देंगे और पुराना प्लॉट वापस ले लेंगे। इसी क्रम में दुर्गेश ने प्लॉट की वापस रजिस्ट्री कर दी। इसके बदले संजय सकलानी ने कांसवाली कोठरी में सितंबर 2016 को पीड़ित को एक जमीन की रजिस्ट्री कराई। कई बार अनुरोध के बावजूद संजय सकलानी ने प्लॉट का म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) नहीं कराया। बीते 14 जनवरी को जब दुर्गेश ने प्लॉट पर अपना नाम और मोबाइल नंबर का बोर्ड लगाया तो उन्हें एसके शर्मा नाम के व्यक्ति ने फोन किया। जिन्होंने खुद को हरियाणा का निवासी बताया और कहा कि प्लॉट उनका है। जिसे उन्होंने संजय सकलानी से खरीदा है। इस पर दुर्गेश ने संजय सकलानी से संपर्क किया। जिन्होंने अपना अपराध स्वीकार किया बताया कि जमीन वह उन्हें भी बेच चुका। इसके बाद बीते 30 जनवरी को अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर कर 20 लाख रुपये लौटाने का वादा किया। आरोप है कि इसके बाद उसने रकम नहीं लौटाई है। एसओ प्रेमनगर गिरीश नेगी ने बताया कि मामले में आरोपी संजय सकलानी निवासी टैगोर विला और डील में शामिल प्रदीप जुयाल निवासी भगवानपुर सेलाकुई शामिल रहे। दोनों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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