देवबंद का पूरा मामला, नवजात को ग्रामीणों ने उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया
प्रशांत त्यागी, देवबंद।
किस कुदरत का करिश्मा कहे या भगवान का चमत्कार एक बेरहम मां ने नवजात को पैदा करने के बाद खेत में फेंक दिया, तो दूसरी और किसान परिवार के परिवार के बेटे ने नवजात को अपने खेत से उठाकर देवबंद के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया है जहां चिकित्सकों द्वारा नवजात का उपचार किया जा रहा है।
थाना नागल क्षेत्र गांव भरतपुर के जंगल में एक बेरहम मां नवजात को जन्म देने के बाद जंगल में फेंक दिया। नवजात पूरी रात खेत में पड़ा रहा। बुधवार की सुबह गांव भरतपुर निवासी किसान मोंटी त्यागी खेत पर टहलने के लिए गया हुआ था। खेत के अंदर से जब एक नवजात के रोने की आवाज मोंटी त्यागी ने सुनी तो वह भाग कर खेत में घुस गया। वहां मासूम नवजात को रोता बिलखता मोंटी त्यागी का दिल और आंख से आंसू निकल आए। इसी दौरान अन्य किस भी खेत पर आ गए। आनंन फानन में नवजात को देवबंद के एक नवजात को देवबंद के प्राइवेट चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। जहां उसका चिकित्सकों द्वारा गंभीरता के साथ उपचार जारी है। शिक्षकों की माने तो नवजात की हालत अभी खतरे से बाहर है। उपचार जारी है। उधर, ग्रामीणों ने पूरे मामले की जानकारी स्थानीय प्रशासन और पुलिस को भी दी है। एसडीएम अंकुर वर्मा ने बताया मामला उनके संज्ञान में नहीं था। लेकिन वह किसान परिवार के लोगों से संपर्क साध रहे हैं। मासूम नवजात को हर तरीके का उपचार मुहैया कराया जाएगा।
नवजात का अपने खर्चे से इलाज करने में जुटे किसान
किसी ने सच कहा है कलयुग में भी अच्छे लोग मिलते हैं। बुधवार को खेत में मिले नवजात का उपचार किसानों द्वारा स्वयं के खर्चे पर कराया जा रहा है। इतना ही नहीं ग्रामीणों ने भी चिकित्सकों से मुलाकात कर यह कहा है कि नवजात का उपचार सही होना चाहिए चाहे इसके लिए कितना खर्चा आ जाए। किसान अनुज त्यागी ने बताया उनका उद्देश्य नवजात बच्चे की बचाना है,उनके द्वारा स्थानीय पुलिस को भी सूचना दे दी गई है।
प्रशांत त्यागी
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