उत्तर प्रदेश के डीजीपी डीएस चौहान के रिटायरमेंट के बाद पुलिस मुख्यालय में तैनात सीनियर अफसर को डीजीपी का अस्थाई चार्ज मिल सकता है. एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार या एमके बशाल यूपी के नए डीजीपी की तैनाती होने तक कामकाज संभालेंगे. क्योंकि यूपी का नया डीजीपी कौन होगा, क्या कार्यवाहक डीजीपी डीएस चौहान को सेवा विस्तार मिलेगा या फिर लंबे समय से इंतजार कर रहे सीनियर आईपीएस में से किसी को पुलिस प्रमुख की कुर्सी सौंपी जाएगी. इस सवाल को लेकर पुलिस महकमा हो या फिर शासन या नेता और मंत्री, सभी इस के जवाब का इंतजार कर रहे हैं.

इस बीच 31 मार्च को कार्यवाहक डीजीपी डीएस चौहान का रिटायरमेंट होना है. चर्चा है कि शासन की तरफ से चौहान के सेवा विस्तार का प्रस्ताव संघ लोक सेवा आयोग को नहीं भेजा गया है. ऐसे में सभी की निगाहें नए अफसर की तरफ लगी हुई हैं. डीएस चौहान 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और कार्यवाहक डीजीपी के साथ ही डीजी इंटेलिजेंस और डीजी विजिलेंस का पद भी संभाल रहे हैं. ऐसे में उनके रिटायरमेंट के बाद इन दो महत्वपूर्ण पदों पर भी नई तैनाती की होनी है.

वहीं कार्यवाहक डीजीपी डीएस चौहान को केंद्र सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की तरह राज्य सुरक्षा सलाहकार भी बनाने की चर्चा जोरों पर है. हालांकि, इस तरह का कोई पद अभी यूपी में नहीं है लेकिन डीएस चौहान के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेहद करीबी होने के चलते यह कहा जा रहा है कि राज्य सुरक्षा सलाहकार का पद सृजित करके डीएस चौहान को एडजस्ट किया जाएगा. अगर चौहान राज्य सुरक्षा सलाहकार बनते हैं तो उन्हें मंत्री के दर्जे वाली सुविधाएं मिलेंगी.

इन नामों की चर्चा तेज

नए डीजीपी के लिए जिन नामों की चर्चा हो रही है, उसमें मुकुल गोयल पहले नंबर पर हैं. मुकुल गोयल 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. डीएस चौहान से पहले वही डीजीपी थे लेकिन 11 मई 2022 को मुख्यमंत्री ने नाराज होकर उन्हें हटा दिया था. मुकुल गोयल को नागरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है. अब अगर सीनियरिटी की लिस्ट देखें तो मुकुल गोयल का नाम एक बार फिर सबसे ऊपर है. हालांकि, योगी सरकार उन्हें दोबारा डीजीपी बनाएगी इसे लेकर संशय है. मुकुल गोयल के बाद 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी आनंद कुमार और विजय कुमार का नाम है. इन तीनों आईपीएस अधिकारियों का कार्यकाल 2024 तक है. इन तीन नामों के साथ ही 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी आशीष गुप्ता, 1990 बैच की रेणुका मिश्रा, बीके मौर्य और एसएन साबत भी डीजीपी की लाइन में हैं. शासन के सूत्रों का ये भी कहना है कि निकाय चुनाव होने तक एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार को ही कार्यवाहक डीजीपी बनाकर काम चलाया जा सकता है.

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