भारत की तरह अमेरिका में भी अगले साल 2024 में चुनाव होने हैं. अमेरिका में अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अभी से तैयारी शुरू हो चुकी है. यहां होने वाले चुनाव पर भारत की खासी नजर रहेगी क्योंकि दुनिया के सबसे ताकतवर पद के लिए होने वाले चुनाव में भारतीय मूल के अमेरिकी लोग भी ताल ठोंकने जा रहे हैं. निक्की हेली के अलावा एक और कामयाब युवा भारतीय हैं जिन्होंने चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
पिछले दिनों निक्की हेली ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने को लेकर अपनी उम्मीदवारी का ऐलान किया था. हालांकि वहां पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर एक लंबी प्रक्रिया है, और इसके बाद ही अंतिम उम्मीदवार तय होते हैं. निक्की हेली के अलावा भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी जो हेल्थ केयर और तकनीकी क्षेत्र के बड़े उद्यमी, रूढ़िवादी टिप्पणीकार और लेखक हैं, ने फॉक्स न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया है.
‘नए सपना बनाने का एक आंदोलन’
विवेक रामास्वामी ने इंटरव्यू में कहा, “मुझे आज रात यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि मैं इस देश में उन आदर्शों को पुनर्जीवित करने के लिए राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल हो रहा हूं.” महज 37 साल के विवेक जो “वोक, इंक: इनसाइड कॉरपोरेट अमेरिकाज सोशल जस्टिस स्कैम” के लेखक हैं और पिछले साल न्यू यॉर्कर मैगजीन प्रोफाइल में उन्हें “एंटी-वोक, इंक का सीईओ” करार दिया गया.
उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक राजनीतिक अभियान नहीं है; यह अमेरिकी लोगों की अगली पीढ़ी के लिए एक नया सपना बनाने को एक सांस्कृतिक आंदोलन है.” विवेक ने जोर देकर यह भी कहा कि उनका अभियान “हमारे देश में उत्कृष्टता की अब तक नहीं हो सकी खोज के बारे में है. इसका मतलब यह है कि आप अपनी काबिलियत पर विश्वास करो, कि तुम इस देश में अपनी चमड़ी के रंग से नहीं, बल्कि अपने चरित्र और अपने योगदान के आधार पर आगे बढ़ने की कोशिश करो.”
बचपन में माता-पिता के साथ आ गए थे अमेरिका
विवेक रामास्वामी जब छोटे थे, तभी उनके माता-पिता केरल से संयुक्त राज्य अमेरिका में आकर बस गए थे, ने कहा, “मैं 90 के दशक में ओहियो में एक दुबले-पतले बच्चे के रूप में पला-बढ़ा. मैं किताबी कीड़ा था और मेरे साथ एक अजीब सा सरनेम लगा हुआ था. मेरे माता-पिता ने मुझे यह सिखाया कि आगे बढ़ने के लिए आपको अलग दिखना चाहिए, आप बेहद शानदार भी हो सकते हैं. कामयाबी मेरे लिए आगे बढ़ने का टिकट थी. मैंने मल्टी-बिलियन-डॉलर कंपनियों की तलाश की. और मैंने यह सब इसे शादी करते समय तक किया- एक परिवार का पालन-पोषण करना और भगवान में विश्वास बनाए रखना.”
विवेक रामास्वामी ने अपने इंटरव्यू में यह भी कहा है कि वह योग्यता-आधारित आप्रवासन के बड़े समर्थक हैं और वह देश में एंट्री करते समय कानून तोड़ने वालों के लिए कोई नरमी नहीं बरतेंगे.
निक्ली हेली की तरह विवेक भी
विवेक रामास्वामी, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दक्षिण कैरोलिना के पूर्व गवर्नर और संयुक्त राष्ट्र के पूर्व राजदूत निक्की हेली की राष्ट्रपति पद के लिए खुद को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद अब वह भी रिपब्लिकन पार्टी की ओर से रेस में शामिल हो गए हैं.
इससे पहले रिपब्लिकन पार्टी की भारतवंशी नेता निक्की हेली ने राष्ट्रपति चुनाव में अपनी दावेदारी के लिए 15 फरवरी को औपचारिक रूप से अभियान की शुरुआत कर दी. इसके साथ ही, उन्होंने एक समय अपने नेता रहे और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुकाबले खुद को एक युवा और नए विकल्प के रूप में पेश किया हैं. हेली (51) दक्षिण कैरोलिना की दो बार गवर्नर रही हैं और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत रह चुकी हैं.
दक्षिण कैरोलिना में एक कार्यक्रम के दौरान अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए निक्की हेली ने ऐलान किया, “एक मजबूत अमेरिका के लिए … एक गौरवशाली अमेरिका के लिए… मैं संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल हो गई हूं.”
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