तुर्की में सोमवार देर रात (भारतीय समयानुसार) 6.4 तीव्रता का जोरदार भूकंप आया. हताय प्रांत में ये तेज झटके महसूस किए गए हैं. 6 फरवरी को आए महाविनाशकारी भूकंप के बाद एक बार फिर धरती दहलने से तुर्की में दहशत का माहौल है. इस दौरान सड़कों पर अफरा-तफरी का माहौल नजर आया. फिलहाल कितना नुकसान हुआ, ये स्पष्ट नहीं है. हालांकि बताया जा रहा है कि कई इमारतों में दरारें आई हैं. दरअसल, दो हफ्ते पहले ही तुर्की और सीरिया में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए थे, जिसमें 45 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.
Updates:
– तुर्की की अनादोलू समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक भूकंप के झटकों बाद अब तक 32 आफ्टरशॉक्स (After Shocks) महसूस किए गए हैं.
– तुर्की के गृह मंत्री सुलेमान सोयलू ने बताया कि भूकंप में तीन लोगों की मौत हुई है और 213 घायल हुए हैं.
– भूकंप आने के बाद दियारबाकिर के निवासी सड़कों पर आए.
– तुर्की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने कहा कि पिछले भूकंपों से क्षतिग्रस्त हुई कई इमारतों को और नुकसान हुआ है.
– तुर्की की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने चेतावनी दी है कि भूकंप के बाद समुद्र में 50 सेमी तक लहरें बढ़ सकती हैं.
बता दें कि एक बार फिर तुर्की की धरती कांपी है. 6.4 के जोरदार झटकों ने सभी को खौफजदा कर दिया है. जान-माल की कोई हानी हुई या नहीं, अभी कहा नहीं जा सकता. लेकिन लोगों में डर का माहौल है. वे अभी तक पिछले भूकंप से उबरे भी नहीं थे कि अब एक बार फिर उन्हें तबाही की आशंका सताने लगी है. अब ये डर इसलिए है क्योंकि पिछला भूकंप विनाशकारी था. वैसे Nicosia में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. वहां पर इसकी तीव्रता 6.2 रही है, माना जा रहा है कि तुर्की की वजह से ही वहां पर भी झटके महसूस किए गए.
पहले ही हो चुका महाविनाश
जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले भी तुर्की में 6 फरवरी की सुबह को भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए थे. भूकंप का पहला झटका सुबह 4.17 बजे आया था. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप का केंद्र दक्षिणी तुर्की का गाजियांटेप था. इससे पहले की लोग इससे संभल पाते कुछ देर बाद ही भूकंप का एक और झटका आया, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप के झटकों का यह दौर यहीं नहीं रुका. इसके बाद 6.5 तीव्रता का एक और झटका लगा. भूकंप के इन झटकों ने मालाटया, सनलीउर्फा, ओस्मानिए और दियारबाकिर सहित 11 प्रांतों में तबाही मचा दी. शाम 4 बजे भूकंप का एक और यानी चौथा झटका आया. बताया जा रहा है कि इस झटके ने ही सबसे ज्यादा तबाही मचाई. इसके ठीक डेढ़ घंटे बाद शाम 5.30 बजे भूकंप का 5वीं झटका आया.
तुर्की को मिली भारत से भी मिली थी बड़ी मदद
तुर्की में कई दिनों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया और लगातार शव बाहर निकाले गए. इस रेस्क्यू मिशन में भारत ने तुर्की की बड़ी मदद की थी. एनडीआरफ की कई टीमें भेजी गईं, राहत सामग्री भी लगातार पहुंचाई गई. भारतीय सेना ने तो तुर्की में अपने अस्पताल भी बना लिए थे जहां पर घायलों को उपचार मिला. कुछ दूसरे देशों ने भी अपनी तरफ से तुर्की को सहायता भेजी थी. रविवार को ही भारत की एनडीआरफ की आखिरी टीम वापस देश लौटी है. पीएम मोदी ने सोमवार को सभी एनडीआरएफ की टीमों से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया.
पीएम मोदी ने की NDRF की तारीफ
पीएम ने कहा कि भूकंप के दौरान भारत की त्वरित प्रतिक्रिया ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है. यह हमारे बचाव और राहत दलों की तैयारियों का प्रतिबिंब है. पीएम मोदी ने तुर्की और सीरिया में ‘ऑपरेशन दोस्त’ में शामिल कर्मियों की सराहना करते हुए कहा कि आपने मानवता की महान सेवा की है, भारत को गौरवान्वित किया है. राहत दलों का काम प्रेरणादायक है. हम सभी ने वह तस्वीरें देखी हैं. जब एक मां आपका माथा चूमकर आशीर्वाद दे रही है. जब एक मलबे के नीचे दबी मासूम जिंदगी आपके प्रयासों से खिलखिला उठी. मलबे के बीच आप भी वहां मौत से मुकाबला कर रहे थे.
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