आपको अभी से एक अच्छी शुरुआत करनी होगी!आपके आसपास अच्छी स्टोरी, अच्छे उदाहरण हों, आप स्वयं को भी आदर्श प्रस्तुत करें ! लोग आपसे सीखें,, अच्छी पुस्तकों को घर में स्थान दें जो नैतिक शिक्षा नैतिक मूल्यों पर आधारित हो!
ताकि आपके बच्चे भी खुद को बुराइयों से दूर रख सके।
घर में बच्चों को पेड़ – पौधों की महत्ता बताएं उनसे ऑनलाइन गेम्स की जगह उन्हें पौधे कैसे लगाए जाते हैं उनकी केयर कैसे की जाती है ?बताएँ बच्चे केयर करना सीखेंगे तो एक दिन आपकी भी केयर करेंगें।
बच्चों को शारीरिक शिक्षा भी दें उनके साथ अपना अटैचमेंट बनाए रखने के लिए उनके साथ आउटडोर गेम्स खेलें बैडमिंटन क्रिकेट रनिंग फुटबॉल इत्यादि।
इससे वह फिजिकली मजबूत होंगे बीमार कम पड़ेंगे तो आपके पैसे और समय दोनों बचेंगे, बच्चा भी अपनी केयर करना सीख जायेगा।
आयुर्वेद के छोटे-मोटे उपाय भी अपने बच्चों को सिखाएं जैसे बुखार होने पर तुलसी और काली मिर्च काढ़ा कैसे बनाते हैं।
एनीमिया हो जाने पर किस तरह से अपना ख्याल रखते हैं कौन से जूस ने कब पीना चाहिए। खाना उन्हें शाम को कौन सा नहीं खाना चाहिए इस तरह से उनको बेसिक नॉलेज दीजिये।
क्योंकि जरूरी नहीं हर वक्त डॉक्टर और आप मौजूद रहेंगे ।
बच्चों को हिस्टोरिकल प्लेस पर भी ले जाएं ताकि वह इतिहास से समुचित जानकारी ले सकें ।
जीवन में कई ऐसे क्षण आते हैं जब व्यक्ति को लगता है यह कार्य ठीक है या नहीं तो वह इतिहास से समझ सकता है।
हमारे कई निर्णय लेने में इतिहास हमें बहुत सीख देता है।
बच्चों को नदी के किनारे ले जाइए प्राकृतिक स्थलों पर ले जाइए ताकि जब वह कभी चिड़चिड़े हो जाएं या अवसाद की स्थिति में हो तो वह इन जगहों पर जाकर या इनके बारे में सोच कर अपने तनाव को कम कर सकें।
बच्चों को यह जरूर बताएं कि पैसा जरूरी है लेकिन इतना भी नहीं कि रिश्ते ही खत्म हो जाए ।
“पैसा बहुत कुछ है लेकिन सब कुछ नहीं” रिश्तों की महत्ता उन्हें अवश्य बताएं वाणी का महत्व अवश्य बताएं।
बच्चों के साथ होटल जाइए वेस्टर्न कल्चर को फॉलो कीजिए लेकिन साथ में उन्हें यह भी बताइए कि यह झूठा संसार है असली सुख सही जगह में है अपनी ही संस्कृति उन्हें समृद्ध करती है उन्हें ब्रांड और होटल की असलियत बताइए ताकि आगे चलकर वह इनमें ही फंस कर न रह जाएं।
जीवन में एक अच्छा मैनेजमेंट रखिए और अपनी संतानों को नैतिक शिक्षा दीजिए क्योंकि आज के स्कूलों ने नैतिक शिक्षा देना बंद कर दिया है! और व्यवसायिक शिक्षा ने बच्चों को बहुत दूर कर दिया है बच्चे स्वार्थी हो गए हैं इसलिए ही आज भारत में सबसे अधिक वृद्धाश्रम बन रहे हैं !
क्योंकि जिस तरह की शिक्षा है और केस बता रहे हैं उससे दूरदर्शी सोच यही है कि आने वाले समय में 60साल के ऊपर के लोग ओल्ड एज होम में ही रहेंगे।
रत्नमणि तिवा