Anuj Tyagi


शामली/मुज़फ्फरनगर
सामाजिक सुधारों और कठोर निर्णयों के लिए प्रसिद्ध खाप पंचायतों का प्रभाव आज भी कायम है। इसी क्रम में मुज़फ्फरनगर के सौरम गांव में 16 से 18 नवंबर तक तीन दिवसीय सर्वजातीय सर्वखाप महापंचायत आयोजित की जा रही है। इसमें समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने हेतु महत्वपूर्ण और कड़े निर्णय लिए जाने की उम्मीद है।
आर्य जाट महासभा ने महापंचायत में शामिल होने वाले विभिन्न खाप चौधरियों से शादियों के दौरान सड़कों पर महिलाओं के डांस पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग उठाई है।

जाट समाज और खाप संगठनों के निकट माने जाने वाले आर्य जाट महासभा के पदाधिकारियों ने शामली में प्रेसवार्ता करते हुए इस महापंचायत का समर्थन किया और वहां रखे जाने वाले 8 प्रस्तावों की जानकारी साझा की। इन्हीं प्रस्तावों में शादियों के दौरान सड़कों पर महिलाओं द्वारा किए जाने वाले डांस पर सख्ती से रोक लगाने की मांग भी शामिल है।
महासभा के अध्यक्ष सुनील निर्वाल का कहना है कि शादियों में सड़कों पर महिलाओं के डांस का चलन धीरे-धीरे परंपरा का रूप ले रहा है, जो सामाजिक दृष्टि से उचित नहीं माना जा सकता, इसलिए इस पर रोक जरूरी है।

आर्य जाट महासभा शामली के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बाबूराम पंवार ने बताया कि अन्य प्रस्तावों में मृत्युभोज एवं अनावश्यक खर्चों पर रोक, दान-दहेज व डीजे बंद करने, विवाह समारोहों को दिन में सीमित स्तर पर करने, शिक्षा व संस्कारों को बढ़ावा, आपसी विवाद समाप्त करने, समाज की सकारात्मक छवि बनाए रखने और राजनीति से दूरी बनाए रखने की अपील भी शामिल है।

सौरम गांव ऐतिहासिक महत्व रखता है और इसे जाट समाज की खाप पंचायतों का केंद्र माना जाता है। यहां स्थित प्राचीन चौपाल 1528 में बाबर तथा 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बहादुर शाह ज़फ़र की उपस्थिति की साक्षी मानी जाती है। इतिहास के अनुसार बाबर ने यहां की पारंपरिक पंचायत व्यवस्था की सराहना भी की थी।
वर्तमान में यहां होने वाले तीन दिवसीय सर्वखाप महासम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों से खाप चौधरी भाग लेने वाले हैं।



 

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