कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि, सीएम धामी ने की कई घोषणाएं

देहरादून, 26 जुलाई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर कारगिल विजय दिवस (शौर्य दिवस) के अवसर पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कारगिल युद्ध के शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया और सैनिकों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी कीं।

मुख्यमंत्री ने चमोली जिले के कालेश्वर में ईसीएचएस एवं सैनिक विश्राम गृह तथा नैनीताल में सैनिक विश्राम गृह के निर्माण की घोषणा की। उन्होंने बताया कि उपनल के माध्यम से पूर्व सैनिकों को विदेश में रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा, जिसमें 50% सिविलियन को भी अवसर मिलेगा। वर्तमान में उपनल के जरिए 22,500 लोगों को रोजगार दिया गया है, जिनकी विनियमितीकरण प्रक्रिया जारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की वीरभूमि ने कारगिल युद्ध में 75 वीर सपूतों को खोया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सेना ने चार दिन में दुश्मन को घुटनों पर ला दिया, यह नया भारत है जो हर नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब देता है।

राज्य सरकार द्वारा शहीदों की अनुग्रह राशि 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये और परमवीर चक्र विजेताओं की राशि 50 लाख से बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये की गई है। वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त और वार्षिक धनराशि में भी बढ़ोतरी की गई है। शहीद के एक परिजन को नौकरी देने की अवधि 2 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दी गई है। पूर्व सैनिकों को 25 लाख रुपये तक की संपत्ति की खरीद पर 25% स्टाम्प ड्यूटी में छूट और रोडवेज बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा दी जा रही है।

कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि उत्तराखंड के अब तक 1831 जवान शहीद हुए हैं, जिनमें से 1528 को वीरता पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। देहरादून के 31 जवान कारगिल में शहीद हुए थे। राज्य सरकार द्वारा अब तक 37 शहीद परिजनों को सरकारी नौकरी दी गई है।

इस मौके पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजान दास, विधायक सविता कपूर, दायित्वधारी विनोद उनियाल, सचिव सैनिक कल्याण दीपेंद्र चौधरी, मेजर जनरल सम्मी सबरवाल (सेनि), ब्रिगेडियर अमृत लाल (सेनि), ब्रिगेडियर जे.एस. बिष्ट (सेनि), ब्रिगेडियर के.जी. बहल (सेनि), जिलाधिकारी सविन बंसल, एसएसपी अजय सिंह सहित सैन्य अधिकारी, पूर्व सैनिक और शहीदों के परिजन मौजूद रहे।

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