सहारनपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज सहारनपुर के महापौर व पाषदों सहित प्रदेश के समस्त निकाय अध्यक्षों व ग्राम प्रधानों आदि को ऑन लाइन संबोधित करते हुए विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रधानमंत्री द्वारा शुरु किये गए कार्यक्रम ‘एक पेड़ मां के नाम’ को जनांदोलन बनाने का आह्वान किया और अधिक से अधिक पौधारोपण करने पर बल दिया।
नगर निगम के शाकुंभरी सभागार में महापौर डॉ. अजय कुमार के नेतृत्व में उपसभापति मुकेश गक्खड़ व दल नेता दिग्विजय चौहान सहित बड़ी संख्या में पार्षदों ने मुुख्यमंत्री के कार्यक्रम में भागेदारी की। अपर नगरायुक्त प्रदीप कुमार यादव, मुख्य अभियंता निर्माण बी के सिंह, अधिशासी अभियंता वी बी सिंह व आलोक श्रीवास्तव आदि भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में जितनी वर्षा होनी चाहिए थी उतनी नहीं हुई है, यह हमारे लिए चेतावनी है, यदि हम अब भी पर्यावरण संतुलन के प्रति नहीं जागे तो आने वाली हमारी पीढ़ियों को इसके भयानक परिणाम भुगतने पडे़ंगे। उन्होंने कहा कि यदि हमें अपनी भावी पीढ़ियों को स्वस्थ पर्यावरण देना है तो कार्बन उत्सर्जन के जीरो लक्ष्य को प्राप्त करना होगा। उन्होंने ‘हर खेत पर मेड़ और हर मेड़ पर पेड़’ के नारे को व्यवहार में लाने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस से शुरु हुए कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए हमें पूरे प्रदेश में 09 जुलाई तक 37 करोड़ पौधों का रोपण कर एक नयी ऊंचाई को प्राप्त करना है। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्ष में प्रदेश में 210 करोड़ पौधों का रोपण कर प्रदेश में वनस्थापना को बढ़ाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने हर जिले में एक नदी को पुर्नजीवित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। कहा, कि नदियों का महत्व वहीं है जो मानव शरीर में धमनियों का हैं। उन्होंने कहा कि यदि असमय नदियां मरेगी तो उसका खमियाजा धरती माता ही नहीं मनुष्य और उसकी पीढ़ियों को भी भुगतना पडे़गा।
महापौर डॉ. अजय कुमार ने सभी पार्षदों से मुख्यमंत्री की इच्छा के अनुरुप ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को जनांदोलन बनाने की अपील करते हुए बताया कि नगर निगम को 32 हजार 200 पौधारोपण का लक्ष्य दिया गया है। जिसके लिए 7200 पौधे डबनी वाला कब्रिस्तान, 16 हजार पौधे ग्राम दरा मिलकाना, 06 हजार पौधें चकहरेटी के खसरा नंबर 194 तथा तीन हजार पौधे शहर के विभिन्न पार्को में लगाये जायेंगे। रोपित किये जाने वाले इन पौधों में सिल्वर ओक, चकरेसिया, अमरुद, जामुन, आम, बोतल ब्रुश, गुलमोहर, आंवला, कंजी, पापड़ी, सागोन व सहजन आदि शामिल रहेंगे।

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