सहारनपुर। नगर निगम द्वारा जीआईएस (ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम) सर्वे के नाम पर हाउस टैक्स, वॉटर टैक्स और सीवर टैक्स में मनमानी वृद्धि के खिलाफ शहर में विरोध लगातार तेज हो गया है। इसी कड़ी में सर्वदलीय संघर्ष समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक 2 जुलाई को संस्था कार्यालय पर आयोजित हुई, जिसमें व्यापारियों, जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने एकजुट होकर नगर निगम की कार्रवाई को असंवैधानिक करार दिया।

बैठक की अध्यक्षता संस्था प्रमुख ठा. वीरेंद्र सिंह ठाकुर ने की। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि नगर निगम द्वारा किए गए जीआईएस सर्वे में बिना भौतिक सत्यापन के टैक्स को 10, 20, यहां तक कि 50 और 500 गुना तक बढ़ा दिया गया है, जिससे व्यापारी और आम नागरिक दोनों परेशान हैं। प्रवर्तन दल पर व्यापारियों से मारपीट, प्रतिष्ठानों की सीलिंग और धमकी जैसी घटनाओं के आरोप भी लगे। काली वर्दी पहने अधिकारी दुकानदारों और ठेले वालों से अवैध वसूली कर रहे हैं, जिससे आक्रोश और बढ़ गया है।

व्यापारी नेता यशपाल मैनी ने स्पष्ट कहा कि अब केवल आंदोलन ही विकल्प है, किसी वार्ता का कोई औचित्य नहीं। पार्षद पुनीत त्यागी ने टैक्स नोटिस में हेराफेरी और सेटिंग के आरोप लगाए। अन्य वक्ताओं—शीतल टंडन, विवेक मनोचा, फजलू रहमान (पूर्व सांसद), शहर काजी हाजी नजीम, एडवोकेट दीपक कोचर आदि—ने जीआईएस सर्वे को असंवैधानिक बताते हुए इसकी तत्काल वापसी की मांग की। रामजी सुनेजा ने सुझाव दिया कि यदि वृद्धि आवश्यक हो तो पूर्व टैक्स में केवल 20-50% तक ही बढ़ोतरी की जाए।

एडवोकेट कोचर ने आंदोलन के साथ-साथ कोर्ट में पीआईएल दाखिल करने का सुझाव दिया। पूर्व विधायक ठा. वीरेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि जब तक जीआईएस सर्वे पूर्णतः रद्द नहीं होता, तब तक किसी भी प्रकार की वार्ता नहीं की जाएगी और सहारनपुर की जनता से अपील की कि वे नगर निगम के किसी भी टैक्स का भुगतान न करें।

आंदोलन की आगे की रणनीति तय करने के लिए आगामी 6 जुलाई, रविवार को सुबह 11 बजे रेलवे रोड स्थित व्यापार मंडल कार्यालय में एक महत्त्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है। बैठक में सरफराज खान, शीतल टंडन, दीपक जाटव, काजी नदीम, हरीश मलिक, जयनाथ शर्मा, सुरेन्द्र कपिल, हाजी नबाब अंसारी, पुनीत चौहान सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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