कांवड़ यात्रा से पहले पहचान अभियान में बड़ा खुलासा, गोपाल निकला तजम्मुल
राजसत्ता पोस्ट
मुज़फ्फरनगर। सावन कांवड़ यात्रा से पहले स्वामी यशवीर जी महाराज की टीम द्वारा चलाए गए पहचान अभियान में बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, दिल्ली-देहरादून हाईवे पर कांवड़ मार्ग में पड़ने वाले पंडित जी वैष्णो ढाबे पर काम कर रहा कर्मचारी गोपाल असल में तजम्मुल निकला।
28 जून को महाराज जी की टीम ने कांवड़ मार्ग के ढाबों और रेस्टोरेंट्स पर पहुंचकर कर्मचारियों के आधार कार्ड चेक कर पहचान सुनिश्चित करने की कोशिश की थी। इसी दौरान पंडित जी ढाबे पर कर्मचारियों ने आधार कार्ड दिखाने से मना कर दिया था। होटल का बारकोड स्कैन करने पर मुस्लिम मलिक का नाम सामने आने पर हंगामा हुआ था।
मुज़फ्फरनगर:पंडित जी वैष्णो ढाबा फिलहाल बंद हुआ, संचालकों पर मारपीट का मुकदमा भी दर्ज हैं
इस दौरान एक कर्मचारी ने अपना नाम गोपाल बताया था। बाद में उसी कर्मचारी ने मीडिया के सामने कबूल किया कि उसका असली नाम तजम्मुल है और वह बझेडी गांव का रहने वाला है। तजम्मुल ने आरोप लगाया कि होटल मालिक ने उसे हिन्दू दिखाने के लिए चूड़ा पहनाया और नाम बदलकर गोपाल रखा ताकि कांवड़ यात्रा के दौरान होटल का संचालन निर्बाध तरीके से किया जा सके। तजम्मुल ने बताया कि वह सिर्फ एक महीने पहले ही वहां काम पर रखा गया था।
तजम्मुल ने यह भी आरोप लगाया कि पहचान जांच के दौरान टीम ने उसकी पेंट उतारने की कोशिश की और होटल के अन्य कर्मचारियों के साथ मारपीट भी की। इस मामले में पुलिस ने महाराज जी की टीम के छह सदस्यों को नोटिस भी भेजा था।
तजम्मुल के इस कबूलनामे के बाद यह साफ हो गया है कि कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ मार्ग पर कई जगह पहचान छिपाकर दुकानें और ढाबे चलाए जा रहे हैं। इसी की रोकथाम के लिए स्वामी यशवीर जी महाराज द्वारा यह पहचान अभियान चलाया जा रहा है।

