लखनऊ। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना व मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में 9.94 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े ने स्टेट एजेंसी साचीज के डेटा सिक्योरिटी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। साचीज अब डेटा सिक्योरिटी की आडिट कराने जा रहा है। इस घोटाले के बाद उन सभी अस्पतालों को नोटिस भेजा गया है, जिनके खातों में पैसे भेजे गए हैं। सोमवार की रात तक 4.03 करोड़ रुपये रुपये की रिकवरी अस्पतालों से कर ली गई थी।
साचीज की मुख्य कार्यपालक अधिकारी अर्चना वर्मा के मुताबिक फर्जीवाड़ा करने वाले ने मई महीने में रात के समय एजेंसी के जिम्मेदार अधिकारियों की आईडी का दुरुपयोग कर कई अस्पतालों के खाते में पैसे भेजे थे। दो दिन पूर्व जब उन्होने जांच पड़ताल की तो फर्जीवाड़े का मामला पकड़ में आया, जिसके बाद पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करा दी गई।
उन्होंने बताया है कि एजेंसी की डेटा सिक्योरिटी को मजबूत करने के लिए एक्सपर्ट की बैठक बुलाई जा रही है। जल्द ही डेटा सिक्योरिटी की खामियों को दूर करा दिया जाएगा। उन्होंने कहा है कि फर्जीवाड़ा कर अस्पतालों को भेजी गई धनराशि की पूरी रिकवरी जल्द ही हो जाएगी। जो अस्पताल पैसा वापस नहीं कर पाएंगे उनके भुगतान धनराशि से इसे समायोजित कर लिया जाएगा।
उन्होंने बताया है कि एजेंसी की डेटा सिक्योरिटी को मजबूत करने के लिए एक्सपर्ट की बैठक बुलाई जा रही है। जल्द ही डेटा सिक्योरिटी की खामियों को दूर करा दिया जाएगा। उन्होंने कहा है कि फर्जीवाड़ा कर अस्पतालों को भेजी गई धनराशि की पूरी रिकवरी जल्द ही हो जाएगी। जो अस्पताल पैसा वापस नहीं कर पाएंगे उनके भुगतान धनराशि से इसे समायोजित कर लिया जाएगा।
गौरतलब है कि स्टेट एजेंसी साजीच के नोडल अधिकारी डा. बीके श्रीवास्तव ने इस मामले में हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। इस मामले की जांच पुलिस भी कर रही है। माना जा रहा है कि पुलिस जल्द ही आरोपितों तक पहुंच जाएगी।
"
""
""
""
""
"