प्रयागराज। क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर एक जालसाज ने मुट्ठीगंज के एक युवक से दस हजार रुपये ऐंठ लिया। आश्चर्य की बात यह रही कि उसने यह रुपये पीएचक्यू के पास लिए। 40 हजार रुपये और लेने के लिए उसने कमिश्नर कार्यालय के बाहर बुलाया।
युवक पहुंचा और बातचीत में उसे संदेह हुआ तो उसने अपने स्वजन को जानकारी दी। घरवाले पहुंचे और फिर उसे पकड़कर पुलिस को सौंप दिया गया। मामले में सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
मुट्ठीगंज के महावीरन गली में रहने वाले अनिल मिश्र के मोबाइल पर 17 मई को फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताते हुए बोला कि तुम्हारी विवेचना मेरे पास है। आकर मुझसे मिलाे। उसने पीएचक्यू के पास बुलाया।
वहां पहुंचकर उससे मिला तो उसने बताया कि वह स्पेशल विंग में है। वह दिव्यांग था, इसलिए अनिल ने उससे इस बारे में पूछा, जिस पर वह बोला कि स्पेशल विंग में उसके तरह के ही सभी लोगों को रखा गया है। बोला कि 50 हजार रुपये दे दो, तुम्हारे खिलाफ जो जांच चल रही है, उसे हटवा दूंगा। डर के मारे उसे दस हजार रुपये दे दिया। 25 मई को उसने फिर फोन किया।
बोला कि कमिश्नर के कार्यालय के बाहर आकर मिलो। वह वहां पहुंचा और फोन लगाया तो इंतजार करने की बात कही। कुछ देर बाद वह आया और चंद कदम दूर ले जाकर बोला कि रुपये लाए हो, कमिश्नर साहब को देने हैं। उसकी बातों पर अनिल को संदेह हो गया और उसने फोन कर अपने घरवालों को इसकी जानकारी दी।
घरवाले पहुंचे तो जालसाज ने बोला कि आज उसे कुछ काम है, कल आकर मिलो। जिस पर उसे पकड़ लिया गया। पुलिस को सूचना देते हुए उसे सौंप दिया गया।
सिविल लाइंस थाने में अनिल मिश्रा ने तहरीर देते हुए जालसाज के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। इंस्पेक्टर रामाश्रय यादव का कहना है कि तहरीर के आधार पर मुकदमा लिखा गया है। मामले की जांच की जा रही है।
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