भारतीय शिक्षा परिषद की वेबसाइट को देखकर लगेगा जैसे यह कोई ‘सपनों की यूनिवर्सिटी’ है। यहां हाईस्कूल से लेकर पीएचडी तक के कोर्स हैं। वो भी टेक्निकल, मेडिकल, लाॅ, फैशन डिजाइनिंग और योगा तक।
फिर भी यह वेबसाइट न केवल चालू है, बल्कि एडमिशन प्रक्रिया, कोर्स की डिटेल्स और आकर्षक इमेजरी के जरिए लगातार छात्रों को फंसाने की कोशिश कर रही है।
यानी पता भी फर्जी, तस्वीर भी फर्जी, और डिग्री भी फर्जी! सवाल है जब सरकार खुद इन संस्थानों को फर्जी घोषित कर चुकी है, तो ये वेबसाइटें चल कैसे रही हैं? क्यों नहीं इनका डोमेन बंद किया जा रहा?
बंद संस्था, वेबसाइट से जारी है धोखाधड़ी
वेबसाइट पर दर्ज पते पर पहुंची कर्नाटक पुलिस को एक बुजुर्ग महिला मिली, जो केयरटेकर बताई जा रही हैं। उनका कहना है कि यह संस्था बंद है। कर्नाटक पुलिस ने वेबसाइट पर दिए नंबर पर संपर्क किया तो फोन नहीं उठा।
स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां आए दिन बाहर के राज्यों से लोग और पुलिस पूछताछ करने आती है। कई अभ्यर्थी पैसे देकर डिग्री लेकर जा चुके हैं। ये डिग्रियां तब पकड़ में आती हैं जब नौकरी में जांच होती है और तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
प्रदेश के चार फर्जी संस्थान
यूजीसी और उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश में फिलहाल चार फर्जी संस्थानों को सूची में शामिल कर अभ्यर्थियों को सतर्क किया है।
इसमें भारतीय शिक्षा परिषद, मटियारी, चिनहट, लखनऊ के अलावा गांधी हिंदी विद्यापीठ, प्रयागराज, नेताजी सुभाष चंद्र बोस विश्वविद्यालय (मुक्त), अचलताल, अलीगढ़ और महामाया तकनीकी विश्वविद्यालय, महर्षि नगर, नोएडा (गौतमबुद्ध नगर) नाम दर्ज है।
कैसे करें असली-नकली की पहचान?
नया शिक्षा सत्र शुरू हो चुका है। इस समय सबसे ज्यादा खतरा होता है ऐसे फर्जी संस्थानों के झांसे में आने का। सस्ती फीस, आसान दाखिला और चमकदार वादों की सच्चाई जानें। यूजीसी, एआईसीटीई, एनसीटीई, पीसीआई जैसी आधिकारिक संस्थाओं की वेबसाइट पर मान्यता चेक करें। जिस संस्था में प्रवेश ले रहे हैं, उसका स्थल, फैकल्टी, और पिछले बैच की डिग्री वैधता जरूर जांचें।

